मरीजों के लिए खून का संकट भी बढ़ा रहा कुत्तों का आतंक
Moradabad News - मुरादाबाद में कुत्तों के हमले के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसके कारण पीड़ितों को एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पतालों का दौरा करना पड़ रहा है। इससे रक्तदान करने वालों की संख्या में...

मुरादाबाद। कुत्तों के हमले की चपेट में आकर जख्मी हो रहे पीड़ितों की संख्या मुरादाबाद में लगातार बढ़ना ब्लड बैंक में जरूरतमंद मरीजों के लिए खून का स्टॉक बढ़ाने में एक अड़चन पैदा होने के तौर पर भी सामने आ रहा है। नियमित रूप से रक्तदान करने वाले लोग कुत्ते के काटने से पीड़ित होने के नतीजे में जरूरतमंद मरीजों के लिए खून नहीं दे पाने की पीड़ा महसूस कर रहे हैं। मुरादाबाद के सरकारी अस्पतालों में रोजाना साढ़े तीन सौ से ज्यादा लोग कुत्ते के काट लेने से पीड़ित होने के चलते एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। मंडलीय जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज सौ से ज्यादा पीड़ित पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में कार्यरत परामर्शदाता अशोक कुमार ने बताया कि एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के बाद कम से कम छह महीने तक रक्तदान करना मना है। रक्तदान करने की इच्छा के साथ पहुंचने वाले लोगों से उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन लगी होने के बारे में जरूर पूछा जा रहा है। जो लोग वैक्सीन लगी होने की बात बता रहे हैं उन्हें रक्तदान करने से मना किया जा रहा है। नियमित रूप से साल में तीन से चार बार रक्तदान करने वाले लोग कुत्ते के काट लेने से पीड़ित होने पर किसी जरूरतमंद के लिए खून नहीं दे पाने की मजबूरी का एहसास करके व्यथित हो रहे हैं। एंटी रैबीज वैक्सीन विभाग के प्रभारी डॉक्टर शकील अहमद का कहना है कि सड़कों पर कुत्तों की संख्या कम नहीं होने से उनके हमले की चपेट में आने वाले लोग वैक्सीन लगवाने के लिए रोजाना काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। फार्मासिस्ट निश्चल भटनागर का कहना है कि कुत्ते के काटने से पीड़ित लोगों को लगाने के लिए अब वैक्सीन की कमी नहीं है।
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