फिर बढ़ा प्रदूषण का कहर, आबोहवा में घुला जहर
मुरादाबाद में प्रदूषण का कहर फिर तेजी से बढ़ा है। 325 एक्यूआई पहुंच गया और सांस के मरीजों को फिर परेशानी झेलनी पड़ी। अफसर जितने पहले सतर्क हुए बाद में ढीले पड़ गए और खुले आम खनन होने...
मुरादाबाद में प्रदूषण का कहर फिर तेजी से बढ़ा है। 325 एक्यूआई पहुंच गया और सांस के मरीजों को फिर परेशानी झेलनी पड़ी। अफसर जितने पहले सतर्क हुए बाद में ढीले पड़ गए और खुले आम खनन होने लगा।
सड़कें खोद कर डाल दीं और धूल उड़ने लगी। दुकानदार परेशान हो गए तो बैठक करके चेतावनी तक देदी। पानी का प्रॉपर छिड़काव नहीं किया जा रहा है। शासन ने एक्यूआई सामान्य होने तक प्रदेश के 13 शहरों में डामर की सड़क पर रोक लगा दी इसके बाद भी यहां फैजगंज में सड़क बनाई गई।
मुरादाबाद का एक्यूआई पहुंचा 325 के पास
मुरादाबाद। मुरादाबाद की आबोहवा में फिर तेजी से जहर घुलने लगा है। गुरुवार को एकाएक एक्यूआई और बढ़ गया। शाम रिकार्ड किए गए एक्यूआई में मुरादाबाद का एक्यूआई 325 पर पहुंच गया। शुक्रवार सुबह भी धुंध छाई रही।
जहां पानी का छिड़काव होना चाहिए नहीं हो रहा है। मंडी चौक बर्तन बाजार में लोग खांस खांस के परेशान हैं। सांस के मरीजों को काफी बेचैनी इस धूल हवी हवा से हो रही है। इसके कण सीधे सांस नली में पहुंचते हैं। पीएम 2.5 औसत 325 पहुंचा तो सांस लेने में खतरा और बढ़ गया। पीएम 10 भी 240 तक पहुंच गया। एक्यूआई खराब होने की वजह यही है कि जो वैकल्पिक इंतजाम करने को कहा गया है वह काम नहीं किया जा रहा है। एमडीए, नग निगम, लोनिवि के अधिकारी खामोश हैं। कमिश्नर ने जिन महकमों को जिम्मेदारी सौंपी थी वह इसका निर्वाह नहीं कर रहे हैं। इस वजब से और ज्यादा समस्या हो रही है। जिलाधिकारी ने आदेश दिए पर अनुपालन उस तरह से नहीं हो पा रहा है।
प्रदूषण की स्थिति
एक्यूआई 325
पीएम 2.5 - 325
पीएम 10 - 240
एनओटू 121
एनएच 3 - 9
एसओटू 41
सीओ - 75
पराली जलाने वालों पर एक्शन नहीं हो सका
अभी तक पराली जलाने वालों पर भी एक्शन नहीं हो सका। उनको चिन्हत करने के बाद यूं ही छोड़ दिया गया। जिले में मुरादाबाद सदर तहसील में पांच और ठाकुरद्वारा में एक स्थान पर पराली जलाने की पुष्टि हुई थी।
कमिशनर ने यह आदेश दिए हैं
अस्पतालों से बॉयोमेडिकल वेस्ट का मानक अनुसार निस्तारण करें प्राईवेट अस्पतालों का औचक निरीक्षण करें और स्थिति देखें
जहां अधिक मात्रा में ऑपरेशन होते हैं वहां वेस्ट की स्थिति क्या है
अस्पतालों में जैव चिकित्सा अपशिष्ट सैग्रीगेशन व भंडारण निरीक्षण
मैटल गलाने वाली भट्ठयों को बंद करने के साथ रोजी रोटी संकट न आए
पराली जलाये जाने वाली घटनाओं पर सघन निगरानी की जाए
शहर में सीवरेज खुदाई से सड़कों पर धूल न उड़े पानी का छिड़काव करें सिंगल यूज प्लास्टिक के विरुद्ध नगर निकायों अभियान चलाते रहें