नाग पंचमी कल: नागदेव की पूजा से दूर होते राहु-केतु के दोष
नाग पंचमी शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व नाग देवता को समर्पित है। इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली में राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं। इस दिन कालसर्प योग की पूजा कराने से कालसर्प के दोष...

नाग पंचमी शनिवार को मनाई जाएगी। यह पर्व नाग देवता को समर्पित है। इस दिन नागदेव की पूजा करने से कुंडली में राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं। इस दिन कालसर्प योग की पूजा कराने से कालसर्प के दोष भी दूर होते हैं। धन समृद्धि के लिए भी नाग देवता की पूजा की जाती है। माना गया है की नाग देवता धन की देवी लक्ष्मी की रक्षा करते हैं। इस दिन श्रीया, नाग और ब्रह्म अर्थात शिवलिंग स्वरूप की आराधना करना अति शुभ फलदायी माना जाता है।
ज्योतिर्विद पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया नाग पंचमी पर आठ नाग देव की पूजा का विधान है। इनमें वासुकि, तक्षक, कालिया, मणिभद्रक, ऐरावत, धृतराष्ट्र, कार्कोटक और धनंजय नाम के आठ नाग देव शामिल हैं। ब्रह्मा के वरदान से जनमेजय के यज्ञ में सर्पों की रक्षा आस्तिक मुनि ने पंचमी के दिन ही की थी। इसी लिए इसे नाग पंचमी कहा जाता है। वैसे प्रत्येक माह शुल्क पक्ष में पंचमी आती है। प्रत्येक पंचमी को बारह नाग जोड़ों की पूजा करनी चाहिए। चांदी, तांबा या सोने के सर्प को जोड़ा शिवलिंग पर चढ़ाएं। बारह माह तक ये पूजा करने के बाद रुद्राभिषेक करें। चांदी की कटोरी में दूध भरकर उसमें स्र्व्ण का सर्प रखकर दान करने अथवा बहते जल में प्रवाहित करने से सांप का भय, सर्पदंश से मुक्ति और कालसर्प के दोष आदि से मुक्ति मिली है। मुहूर्तनागपंचमी 24 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर आरंभ होगी25 जुलाई की दोपहर 12 बजकर 1 मिनट तक रहेगी।पूजा का मुहूर्त 25 जुलाई की सुबह 5 बजकर 38 मिनट से सुबह 8 बजकर 22 मिनट तकअवधि 2 घंटे 33 मिनटपूजा की विधिचौकी पर नागदेव का चित्र रखें। लकड़ी की पटली पर बैठक उन्हें हल्दी, रोली, फूल, कच्चा दूध, घी,चावल,चीनी, फूल अर्पित करें। सर्प देव की आरती करें। नागपंचमी पर विशेष कालसर्पयोग के उपाय1- सर्पों का पूजन कर राहु केतु का जप करें।2-सपेरा से सर्पों का जोड़ा ले पूजा कर जंगल में छोड़ें।3- शिव अभिषेक कर शिव को सर्प अर्पित करें और कालसर्प शांति की प्रार्थना करें।4- नागपंचमी को दूध, जल, शहीद, फलों का रस, चंदन, इत्र से रुद्राभिषेक करें।
