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आवारा आतंक: जिले में 60 लोगों पर कुत्तों का हमला

शहर समेत जिले भर में आवारा कुत्तों का आतंक नहीं थम रहा है। आए दिन कुत्तों के हमले में बच्चे से लेकर जवान और वृद्ध तक घायल हो गए हैं। बुधवार को भी 60 लोग कुत्तों के अपना शिकार बना डाला। कुत्तों के...

आवारा आतंक: जिले में 60 लोगों पर कुत्तों का हमला
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादWed, 23 Jan 2019 07:50 PM
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शहर समेत जिले भर में आवारा कुत्तों का आतंक नहीं थम रहा है। आए दिन कुत्तों के हमले में बच्चे से लेकर जवान और वृद्ध तक घायल हो गए हैं। बुधवार को भी 60 लोग कुत्तों के अपना शिकार बना डाला। कुत्तों के हमले में घायल लोगों को निजी वाहनों और 108 एम्बुलेंस से जिला अस्पताल लाकर उपचार कराया गया।

कुत्तों का शिकार होने वाले अधिकांश शहर क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। जिले में काफी समय से आवारा कुत्ते आतंक मचा रहे हैं। गर्मियों और बारिश के मौसम में इनका इतना आतंक था की लोगों का रहा चलना मुश्किल हो गया था। इस बार सर्दियों के सीजन में भी कुत्तों का आतंक खत्म नहीं हुआ है। शहर से लेकर गांवों में आवारा कुत्ते लोगों पर हमला कर रहे हैं। मंगलवार रात से बुधवार दोपहर के बीच 60 से अधिक लोगों पर कुत्तों ने हमला किया। कुत्ते ने जिन्हे शिकार बनाया उनमें अधिकांश बुरी तरह घायल हुए। घायलों को एम्बुलेंस की मदद से या निजी वाहनों से जिला अस्पताल लाया गया। यहां सभी को रेबिज का इंजेक्शन दिया गया। अधिक भीड़ होने और दो बजे ओपीडी बंद होने के कारण कई लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा। कुछ ने मेडिकल स्टोर से इजेंक्शन खरीद कर लगवाया।

हड़ताल के कारण हुई परेशानी

संविदाकर्मियों की इस समय प्रदेशव्यापी हड़ताल चल रही है। इसके कारण ओपीडी में बुधवार को स्टाफ काफी कम रहा। दूसरी ओर कुत्तों के शिकार हुए लोगों की काफी संख्या अस्पताल में पहुंची। इस दौरान लोगों को आधे से डेढ़ घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। लकमालपुर निवासी शमसूल ने बताया कि उसके दो दिन पहले कुत्ते ने काटा था। बुधवार को डेढ़ बजे आकर पर्चा बनवा लिया। लेकिन जब तक उसका नंबर आया तब तक डॉक्टर ओपीडी से उठ गए और इंजेक्शन नहीं लग सका।

हर माह दो हजार से अधिक को बना रहे शिकार

आवारा कुत्तों का कितना आतंक है इसका अंदाजा जिला अस्पताल में लगने वाले रेबिज के इंजेक्शनों की संख्या से लगाया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार हर माह औसतन दो हजार लोग इंजेक्शन लगवाते हैं। औसतन 60 से 65 लोग प्रतिदिन रेबिज के इंजेक्शन के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। कभी कभी यह संख्या 100 के पार हो जाती है। नगर निगम का दावा फेलनगर निगम ने आवारा आतंक को खत्म करने के लिए नसबंदी का अभियान शुरू किया था। लेकिन इस अभियान का कोई खास असर नजर नहीं आ रहा है। अभी भी आवारा आतंक बना हुआ है। लोगों ने शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग की है।

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