मेधावियों ने दिखाया, हम सहूलियतों के मोहताज नहीं
आलीशान घर, शानदार गाड़ी...कई सारी सहूलियतें...इन्हें पाने की सबकी चाह...लेकिन ये सफलता हासिल करने का पैमाना नहीं। सीबीएसई बारहवीं में शानदार कामयाबी पाने वाले शहर के कई छात्रों ने यही एहसास कराया है।...
आलीशान घर, शानदार गाड़ी...कई सारी सहूलियतें...इन्हें पाने की सबकी चाह...लेकिन ये सफलता हासिल करने का पैमाना नहीं। सीबीएसई बारहवीं में शानदार कामयाबी पाने वाले शहर के कई छात्रों ने यही एहसास कराया है। अपने अपने स्कूल में टॉपर का खिताब अर्जित करने वाले ज्यादातर छात्र औसत मध्यमवर्गीय परिवारों से हैं। उदाहरण के लिए, एसएस चिल्ड्रन एकेडमी में 96.6 फीसदी अंक के साथ साइंस स्ट्रीम में टॉप करने वाले यश चौहान ने सेल्फ स्टडी को ज्यादा समय दिया। यश के पिता रामनाथ सिंह चौहान तहसील में कार्यरत हैं। यश का इरादा सिविल सर्विस में जाने का है। यश ने गणित में 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं।
आरएसडी एकेडमी में 94.6 अंक के साथ टॉपर बने शगुन चौधरी एक सामान्य कृषक परिवार के बेटे हैं। शगुन के पिता देवेंद्र सिंह कृषक हैं। शगुन ने गणित में 97 केमिस्ट्री में 97, अंग्रेजी और फिजिक्स में 95 नंबर प्राप्त किए हैं। फिजिकल एजूकेशन में उनके नंबर 89 आए हैं। शगुन का इरादा भारतीय वायुसेना में जाने का है। प्रिंसिपल डॉ.जी कुमार ने शगुन को शाबाशी देते हुए उसके हौसले की सराहना की। गांधीनगर पब्लिक स्कूल में साइंस की टॉपर महक गुप्ता के पिता एलआईसी में कार्यरत हैं। महक ने शानदार 96.6 अंक प्राप्त किए हैं। महक सिविल सेवा में जाना चाहती हैं।