सील खुलने की खबर पर एमडीए में हड़कंप, रिपोर्ट तलब
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की लगाई सीलें खुलने का कारनामा जब उजागर हुआ तो हड़कंप मच गया। गुरुवार को आनन फानन प्रभारी वीसी ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांग ली। कहा थाना वार कुल कितने स्थानों पर सील किया...
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की लगाई सीलें खुलने का कारनामा जब उजागर हुआ तो हड़कंप मच गया। गुरुवार को आनन फानन प्रभारी वीसी ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांग ली। कहा थाना वार कुल कितने स्थानों पर सील किया गया और कितनी सीलें क्षतिग्रस्त पाई गईं। सचिव इस पर पूरी रिपोर्ट तैयार करवा रही हैं।
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में पिछले डेढ़ साल में यह सब होता रहा और अफसर आंखें मूंदे रहे। अवैध निर्माण की सील खुलती रहीं और किसी ने कुछ नहीं किया। अवैध निर्माण की छूट के साथ सीलें चुपके से खुलवाने जैसे कई काम और ने खूब मनमानी की गई। पचास के आसपास भवन, भूखंड और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सील लगाई गईं और उनको चुपके से खुलवा दिया गया। आपके प्रिय अखबार हिंदुस्तान ने जब यह हकीकत उजागर की तो हड़कंप मच गया। सचिव मुरादाबाद विकास प्राधिकरण प्रेरणा शर्मा ने इस पर तत्काल पूरी रिपोर्ट बनवानी शुरू कर दी। प्रभारी उपाध्यक्ष जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने इस पर सचिव से थानावार रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि इसमें दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। एमडीए में अरुण कुमार के ट्रांसफर के बाद डीएम मुरादाबाद के पास चार्ज है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में इस पूरे मामले में सही तथ्य सामने आने चाहिए।
इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। जैसे ही थानावार दोषियों की रिपोर्ट आएगी इस पर कार्रवाई की जाएगी। सचिव एमडीए ने इस पर सूची बनवाना शुरू किया है। जल्द ही इस प्रकरण में एक्शन होगा।
राकेश कुमार सिंह, प्रभारी उपाध्यक्ष एमडीए
सबसे ज्यादा सिविल लाइन्स और मझोला में गड़बड़ी मिली
प्रथम दृष्टया सिविल लाइन्स और मझोला थाना क्षेत्र में यह गड़बड़ी की गई है। यहीं सबसे ज्यादा इस तरह की सीलें क्षतिग्रस्त की गईं। यहां कुछ इंजीनियरों ने मिलीभगत करके सील खुलवा कर काम शुरू करवा दिया। ऐसे लोगों पर शामत आनी तय माना जा रहा है। मझोला थाना क्षेत्र में भी कई सील क्षतिग्रस्त मिली हैं। सभी की पड़ताल एमडीए की ओर से करवाई जा रही है।
तहकीकात शुरू: दिल्ली से मुरादाबाद के बीच आखिर कहां गुम हुई फाइल
मुरादाबाद। सीलिंग की जमीन की फाइल गुम होने की पड़ताल तेज हो गई है। गुरुवार को दफ्तर में भी इसकी तहकीकात की गई। एक लिपिक के विरुद्ध मुकदमा होने के बाद इसमें यह देखा जा रहा है कि कहां फाइल रिसीव करवाई गई। अर्बन सीलिंग की उक्त जमीन एमडीए के कब्जेवाली है और काफी कीमती है। इस मामले में कुछ और लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सीलिंग की जमीन का यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में है। जब यह मामला हाईकोर्ट में था तब से फाइल घूम रही है। अर्बन सीलिंग के तत्कालीन पेशकार के रिटायर होने के बाद कुछ और लोगों से जानकारी ली गई है। विभागीय अफसर अपने स्तर से इस मामले की हकीकत पता करने में जुटे हैं। जल्द ही इस मामले कुछ क्लू हाथ लगेगा।