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बैकुंठधाम पाने को सर्वश्रेष्ठ है मानव योनि

रामगंगा विहार में ऑनलाइन हरिनाम संकीर्तन आयोजित किया गया। इसमें कथा व्यास एवं इस्कान आचार्य धीरशांत दास ने कहा मानव योनि भगवान की प्रेममयी एवं भक्तिरत होकर बैकुंठधाम पाने का सर्वश्रेष्ठ अवसर है।...

बैकुंठधाम पाने को सर्वश्रेष्ठ है मानव योनि
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादSun, 09 Aug 2020 08:04 PM
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रामगंगा विहार में ऑनलाइन हरिनाम संकीर्तन आयोजित किया गया। इसमें कथा व्यास एवं इस्कान आचार्य धीरशांत दास ने कहा मानव योनि भगवान की प्रेममयी एवं भक्तिरत होकर बैकुंठधाम पाने का सर्वश्रेष्ठ अवसर है। उन्होंने कहा हमारे कर्म काटने के लिए ही हमें दुख दिये जाते हैं और दुख का कारण हमारे अपने ही कर्म हैं जो हमें भोगने ही हैं। दुख नहीं आए तो कर्म कैसे कटेंगे। उन्होंने कहा हमें दुख देने से परमेश्वर का कोई लाभ नहीं है। हमारे पूर्व जन्मों के कर्म काटने के लिए, हमें पापों से बचाने के लिए और जगत का मिथ्यापन बताने के लिए ही हमें दुख दिया जाता है। व्यवस्था में लीना अग्रवाल, अजय अग्रवाल, दयासार दास, यशअग्रवाल,लक्ष्मी अग्रवाल, संग्रामजित दास, वंशीधारी दास, कृष्णार्पित दास, महाजन प्रेमी दास, साक्षी गौरांग दास, देवांश अग्रवाल आदि शामिल रहे।

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