हिंदू कॉलेज में प्रोफेसरों में विवाद, डिपार्टमेंट में ताला लगाने पर हंगामा
Moradabad News - हिंदू कॉलेज में बॉटनी विभाग में चार्ज देने और ताला लगाए जाने को लेकर दो प्रोफेसरों के बीच विवाद हुआ। प्राचार्य ने ताला खुलवाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। पुलिस को बुलाना पड़ा। प्रो. जीके शर्मा ने...

हिंदू कॉलेज के दामन में रोजाना ही हंगामे के धब्बे लग रहे हैं। मंगलवार को बॉटनी डिपार्टमेंट में ताला लगाए जाने व चार्ज देने के मामले को लेकर दो प्रोफेसरों में विवाद हो गया। प्राचार्य ने ताला खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन ताला नहीं खुला तो उन्होंने पुलिस को बुलवा लिया। इस मामले में प्रो. जीके शर्मा ने तहरीर भी दी है। बॉटनी विभाग की प्रभारी प्रो. अनामिका त्रिपाठी सोमवार को रिटायर हो गईं। सत्र का लाभ मिलना है तो 30 जून तक उनका कार्यकाल रहेगा। प्रो. अनामिका ने बताया कि सोमवार को उन्हें विभाग प्रभारी का चार्ज प्रो. जीके शर्मा को सौंपना था, पर प्रो. शर्मा चार्ज लेने नहीं आए।
वहीं प्रो. जीके शर्मा का दावा है कि वे चार्ज के लिए प्राचार्य प्रो. एसएस रावत के साथ गए थे पर प्रो. अनामिका ने चार्ज देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले नोड्यूज जारी कीजिए, तब चार्ज दूंगी। प्राचार्य ने उन्हें प्रक्रिया लंबी बताई तो उन्होंने चार्ज देने से मना कर दिया। इस बीच प्रो. अनामिका ने विभाग में कॉलेज के ताले के अलावा अपना एक ताला लगवा दिया। उनका तर्क है कि विभाग में पहले चोरी हो चुकी है तो एहतियातन उन्होंने ताला लगा दिया था। मंगलवार सुबह प्रो. जीके शर्मा विभाग में पहुंचे तो ताला लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि ताला प्रभारी के रूम में लगना चाहिए था, न कि डिपार्टमेंट में। ताला नहीं खुला तो उन्होंने प्राचार्य प्रो. एसएस रावत को सूचना दी। प्राचार्य पहुंचे तो उन्होंने प्रो. अनामिका से ताला खोलने को कहा। उन्होंने समझाया, लेकिन ताला नहीं खुलने पर प्राचार्य ने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस पहुंची तो बातचीत के बाद ताला खुला। इन सबके बीच प्रो. जीके शर्मा ने बॉटनी विभाग प्रभारी के रूप में चार्ज ले लिया। प्रभारी बनने पर प्रो. अनामिका ने पांच महीने बाद जारी किया था नोड्यूज प्रो. जीके शर्मा ने आरोप लगाया कि प्रो. अनामिका को चार्ज देने से पहले नोड्यूज चाहिए, जबकि ये संभव ही नहीं है। खुद प्रो. अनामिका ने जब चार्ज ग्रहण किया था तो पूर्व के प्रभारी को नोड्यूज देने में उन्होंने पांच महीने लगा दिए थे। खुद की बारी आई तो एक ही दिन में नोड्यूज चाहिए। लंबी प्रक्रिया है, स्टॉक रजिस्टर से लेकर प्रैक्टिकल तक के सामानों की जांच करनी होती है। इस काम में अभी समय लगेगा। उन्होंने आश्वस्त भी किया कि जल्द से जल्द नोड्यूज दे दूंगा पर वे नहीं मानीं। ----------------------------- सोमवार को प्रो. जीके शर्मा चार्ज लेने नहीं आए थे, इसको लेकर प्राचार्य को पत्र भी लिखा था। चोरी की आशंका को देखते हुए ताला जड़ा था। दूसरे दिन समय से ताला खुल भी गया। इस मामले को साजिशन विवाद का रूप दिया गया है। वहीं नियम विरुद्ध प्रो. जीके शर्मा को चार्ज दिया गया है। मैं उन्हें चार्ज भी नहीं दिया। प्रो. अनामिका त्रिपाठी ------------- प्रो. अनामिका के बुलावे पर चार्ज लेने गया था। उन्होंने ये शर्त रख दी कि पहले नोड्यूज दीजिए। स्टॉक रजिस्टर चेक किए बिना नोडयूज देना संभव नहीं था। प्राचार्य ने भी समझाया पर वे नहीं मानीं। चार्ज भी नहीं दिया और ताला लगा दिया, जिस कारण मंगलवार को दिक्कत भी हुई। प्रो. जीके शर्मा -------------- प्रो. अनामिका त्रिपाठी रिटायर हो गई हैं तो उन्हें चार्ज तुरंत प्रो. जीके शर्मा को दे देना चाहिए था। उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसके अलावा विभाग में ताला भी लगवा दिया। ये गलत है। नोड्यूज देना एक लंबी प्रक्रिया है, इसमें थोड़ा समय लगेगा। उन्हें समझाया गया, लेकिन वे नहीं मानीं। प्रो. एसएस रावत, प्राचार्य, हिंदू कॉलेज
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