महिला कर्मियों को गलत नजर से नहीं देख सकेंगे पुरुष:मेनका
हाल ही में मी टू प्रकरण से जुड़े केस ताबड़तोड़ सामने के बाद केंद्र सरकार ने कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए कठोरता दिखाई है। सभी सरकारी और निजी कार्यालयों, संगठनों,...
हाल ही में मी टू प्रकरण से जुड़े केस ताबड़तोड़ सामने के बाद केंद्र सरकार ने कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न पर लगाम लगाने के लिए कठोरता दिखाई है। सभी सरकारी और निजी कार्यालयों, संगठनों, कंपनियों में महिला शिकायत प्रकोष्ठ का गठन अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को यहां इसका ऐलान किया।
उद्यमियों के लिए नई ऋण स्कीम का मुरादाबाद में शुभारंभ करने के बाद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने ‘हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में मी टू प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पहले से ही काफी ज्यादा संवेदनशील है, लेकिन मी टू प्रकरण सामने आने के बाद कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ उत्पीड़न को रोकने के लिए बहुत ही सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने सभी कार्यालयों, कंपनियों और संगठनों में महिला शिकायत प्रकोष्ठ का गठन करना अनिवार्य कर दिया गया है। सभी जगहों पर शिकायत निवारण समिति गठित की जाएगी। किसी महिला कर्मचारी के साथ अगर कोई गलत, अमर्यादित व्यवहार करेगा तो वह इसकी शिकायत प्रकोष्ठ में करेगी। समिति महिला की सुनवाई करने के बाद आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करेगी। कार्यस्थल पर कोई भी पुरुष वहां कार्यरत महिला कर्मचारी को गलत नजर से देखने की हिम्मत नहीं कर सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं रोकने के लिए सरकार कटिबद्ध है। और अगर महिलाओं से जुड़ी किसी शिकायत पर शिकायकर्ता की सुनवाई और आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने में किसी प्रकार की ढिलाई करने का कोई मामला संज्ञान में आया तो संबंधित कार्यालय या संगठन को भी नोटिस जारी होगा।