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चीन से माल आना बंद, लैंप और घड़ी निर्माण 25 फीसदी गिरा

चाइना में कोरोना वायरस के कहर से मुरादाबाद के निर्यात पर भी असर पड़ने लगा है। निर्यात के कुल हिस्से का करीब बीस फीसदी निर्यात मुरादाबाद से आकर्षक लैंप का होता है। सभी लैंप में चाइना की इलेक्ट्रिकल...

चीन से माल आना बंद, लैंप और घड़ी निर्माण 25 फीसदी गिरा
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादFri, 07 Feb 2020 11:50 AM
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चाइना में कोरोना वायरस के कहर से मुरादाबाद के निर्यात पर भी असर पड़ने लगा है। निर्यात के कुल हिस्से का करीब बीस फीसदी निर्यात मुरादाबाद से आकर्षक लैंप का होता है। सभी लैंप में चाइना की इलेक्ट्रिकल किट लगती है। कई निर्यात उत्पादों में चाइना के क्रिस्टल इस्तेमाल होते हैं। अब यह सारा माल आना बंद हो गया है। अगर हालात नहीं सुधरे तो अगले माह तक निर्यात पर तीस फीसदी असर पड़ना तय माना जा रहा है।

मुरादाबाद के निर्यातकों को उम्मीद है कि नोएडा फेयर तक सब कुछ सामान्य हो जाएगा तो स्थिति ठीक रहेगी। कोरोना वायरस का कहर अगर यूं ही जारी रहा तो निर्यात और लड़खड़ा सकता है। मुरादाबाद के ज्यादातर निर्यातक चाइना से क्रिस्टल, इलेक्ट्रिकल वायरिंग किट, होल्डर, यूएस एप्रूव बिजली का अन्य सामान, सजावटी मैटीरियल मंगाते हैं जिनका इस्तेमाल करके अपने उत्पादों को किफायत के साथ आकर्षक लुक देते हैं। कोरोना वायरस के असर से चाइना से इन दिनों माल आना बंद हो गया है। ऐसे में अकेले लैंप के उत्पादन का काम बीस से पच्चीस फीसदी कम हुआ है। क्रिस्टल इंपोर्ट भी नहीं हो पा रहा। दिल्ली के कुछ इंपोर्टर से जो क्रिस्टल मंगवाए जा रहे हैं वह दस से पंद्रह फीसदी महंगे दामों पर मिल रहे हैं। इससे उत्पादों की लागत में भी इजाफा होगा। पीतल नगरी के निर्यातक भी चाइना में कोराना के कहर से घबराए हुए हैं। कोरोना का असर ज्यादा दिनों तक चला तो सात हजार करोड़ का निर्यात करने वाले मुरादाबाद पर इसका सीधा असर होगा।

चाइनीज क्रिस्टल चाइना में कोरोना वायरस के असर से आना बंद हो गए हैं। दिल्ली के इंपोर्टर इन्हे अब पंद्रह फीसदी तक महंगे दामों पर दे रहे हैं। इसका असर निर्यात उत्पादों पर पड़ रहा है।

अजय पुगला, निर्यातक

मुरादाबाद में कुल निर्यात का बीस फीसदी लैंप का काम है जो पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं। इनमें इस्तेमाल चाइनीज इलेक्ट्रिकल किट चाइना की लगती है वह नहीं आ पा रही है। इससे काम प्रभावित हुआ है।

अतुल भूटानी, निर्यातक

मुरादाबाद में तैयार घड़ियों में भी चाइनीज पार्ट

मुरादाबाद में तैयार घड़ियां विदेश से लेकर देश के कई राज्यों में जाती हैं। इनमें लगने वाली सुइयों से लेकर कई पार्ट चाइना से आते हैं। वहां से माल आना बंद हो गया है। ऐसे में घड़ियों की डिमांड पूरी होना मुश्किल होगा। इसका असर सीधा निर्यात पर पड़ेगा।

विनय गुलाटी, निर्यातक

आंकड़े

7000 करोड़ का मुरादाबाद से सालाना निर्यात है दुनिया भर के देशों में

20 फीसदी आकर्षक लैंक का कारोबोर कुल निर्यात का होता दुनिया भर में

100 से ज्यादा निर्यातक मंगाते हैं चाइना का सामान

15 फीसदी तक क्रिस्टल व अन्य आइटम चीन से माल न आने से महंगे

30 फीसदी तक प्रभावित हो सकता है निर्यात अगले महीने तक कोरोना से

05 फीसदी तक चाइना में होता मुरादाबाद के हैंडीक्राफ्ट आइटमों का निर्यात

यह आइटम मुख्य रूप से आते चाइना से

यूएस एप्रूव इलेक्ट्रिकल आइटम, वायरिंग किट, होल्डर, बल्व, सजावटी इलेक्ट्रिकल्स आइटम, गार्डेन टार्च का बल्व आदि

अप्रैल में फेयर होने से उम्मीद अभी कायम

निर्यातक नीरज खन्ना बताते हैं कि हर साल फरवरी में होना वाला नोएडा फेयर इस बार अप्रैल में है। कोरोना का असर जल्द खत्म होता है तो स्थिति ठीक हो जाएंगी। इससे कुछ उम्मीद है। अगर कहर ज्यादा चला तो असर निर्यात पर होगा।

एंबियाटे फेयर में कम पहुंचेंगे निर्यातक

जर्मनी के में एंबियाटे फेयर कल से शुरू हो रहा है। इसमें इस बार कम निर्यातक पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही दुनिया का सबसे मशहूर कैनटन फेयर जो चाइना में तेइस अप्रैल से होता है वह होना मुश्किल है। ऐसे में वैश्विक निर्यात प्रभावित होता दिखाई दे रहा है।

चीन में भी जाते मुरादाबाद के हैंडीक्राफ्ट आइटम

मुरादाबाद। चीन से सामान आता ज्यादा है जाता कम। मुरादाबाद के कुछ निर्यातक चीन में हैंडीक्राफ्ट आइटम निर्यात करते हैं। इसके अलावा कुछ डेकोरेटिव आइटम भी जाते हैं। ब्रास और इससे जुड़े हैंडीक्राफ्ट के आइटम की चाइना में मांग रहती है। ओवर ऑल चाइना में अन्य देशों की तुलना में निर्यात कम है।

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