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ई-लर्निंग और यू-ट्यूब से स्मार्ट शिक्षा ले रहे सरकारी स्कूल के बच्चे

चिटकी दीवारें, टूटे प्लास्टर। उखड़ी फर्श और टूटे दरवाजे। सरकारी स्कूलों की यह तस्वीर भूल जाइए। पब्लिक स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी ई-लर्निंग और यू-ट्यूब से हाईटेक शिक्षा ले रहे हैं।...

ई-लर्निंग और यू-ट्यूब से स्मार्ट शिक्षा ले रहे सरकारी स्कूल के बच्चे
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादSun, 14 Oct 2018 07:31 PM
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चिटकी दीवारें, टूटे प्लास्टर। उखड़ी फर्श और टूटे दरवाजे। सरकारी स्कूलों की यह तस्वीर भूल जाइए। पब्लिक स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी ई-लर्निंग और यू-ट्यूब से हाईटेक शिक्षा ले रहे हैं। राजकीय इंटर कॉलेज मानपुर, अगवानपुर के प्रधानाचार्य डा. अनुज अग्रवाल ने इस ओर एक सफल प्रयास किया है।

इस स्कूल में स्मार्ट क्लास की शुरुआत कर गरीब बच्चों को स्मार्ट शिक्षा से जोड़ने की कवायद की है। अनुज के प्रयासों से यह संभव हो सका है। एक वर्ष से अनुज इस विद्यालय में सेवाएं दे रहे हैं। इस विद्यालय की शुरुआत ही एक वर्ष पूर्व हुई थी। तब विद्यालय की छात्र संख्या शून्य थी। अब छात्र संख्या 52 है। वर्ष 2008 से यहां तैनात अनुज इससे पूर्व भी कई विद्यालयों की कायाकल्प कर चुके हैं। राजकीय इंटर कालेज गढ़मुक्तेश्वर में प्रधानाचार्य रहते हुए बंद पड़े विद्यालय को चमकाया। सीमा सुरक्षा बल के साथ गंगा के घाटों पर विद्यालय के छात्रों के साथ गंगा को निर्मल व स्वच्छ बनाने को कई अभियान में शामिल हुए हैं। रामगंगा को स्वच्छ बनाने की इनकी पहल ने हजारों लोगों को जागरूक किया है। क्लीन गंगा अनुज का मिशन है। इसके लिए अनुज को कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं । डीएम राकेश कुमार सिंह व जेडी डा. महेंद्र देव भी इन्हें प्रशस्ति पत्र दे कर सम्मानित कर चुके हैं। मैला ढोने वाले बच्चों की शिक्षा पर इनका विशेष फोकस है।

रोको व टोको मुहिम है खास

अनुज अग्रवाल स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े हैं और स्कूली बच्चों को भी इससे जोड़ा है। वह अपने स्तर पर रोको व टोको सफाई अभियान चलाकर बच्चों की टीम संग क्षेत्रवासियों को स्वच्छता के लिए निरंतर प्रेरित कर रहे हैं। एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय से शोध कर चुके अनुज अग्रवाल का मानना है जो ज्ञान प्राप्त किया है, उसे ऐसे वर्ग में बांटना जरूरी है जो शिक्षा के क्षेत्र में अत्यंत पिछड़े हुए हैं। इसकी प्रेरणा उन्हें अपनी माता से मिलती है।

अपने दम पर संवारी स्कूल की सूरत

संसाधनों का रोना रोने वाले शिक्षकों के लिए अनुज का प्रयास नजीर है। उन्होंने अपने दम पर न केवल स्कूल की सूरत संवारी बल्कि शैक्षिक नवाचारों का प्रयोग कर ग्रामीण बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने का अभिनव प्रयास किया।

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