भक्ति कर प्राप्त करें भगवान की शरणागति
रामगंगा विहार स्थित ओमशिव हरि मनोकामना मंदिर में चल रही राम कथा में मानस मर्मज्ञ पं. ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमें भक्ति कर भगवान की शरणागति प्राप्त...

रामगंगा विहार स्थित ओमशिव हरि मनोकामना मंदिर में चल रही राम कथा में मानस मर्मज्ञ पं. ब्रजेश पाठक ने कहा कि हमें भक्ति कर भगवान की शरणागति प्राप्त करनी चाहिए। भगवान एक बार जिसे अपना मान लेते हैं, उसे कभी छोड़ते नहीं, भूलते नहीं। जबकि सांसारिक लोग मित्र बनाते रहते हैं, छोड़ते रहते हैं। भगवान श्री राम ने सिर्फ तीन मित्र बनाए। यह थे निषाद राज, सुग्रीव और विभीषण। उन्होंने कहा कि संसार के सभी संबंध मन पर आधारित हैं। मन स्थित रहता है तो संबंध भी स्थित होते हैं। ईश्वर ही शाश्वत है। अत: ईश्वर से ही संबंध बनाना शाश्वत है। व्यवस्था में अलका गोयल, संजीव गोयल, निमित जायसवाल, मंजू गोयल, राजीव, संजीव, सुनील शर्मा, वाणी टंडन, नीलम दक्ष, प्रीति गुप्ता, कंचन गुप्ता, पंडित हरीश चंद्र जोशी आदि शामिल रहे।
