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यूपी मुरादाबाद बाढ़: पंद्रह गांव बाढ़ से घिरे, हर तरफ तबाही-VIDEO

बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में...

बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में...
1/ 2बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में...
बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में...
2/ 2बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में...
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादTue, 04 Sep 2018 10:40 AM
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बाढ़ के कहर से मुरादाबाद के पंद्रह गांवों में जीना दुश्वार हो गया है। बुखार से लोग तप रहे हैं। पशुओं की मौतें हो रही हैं। गांवों के आसपास संपर्क मार्ग टूट गए हैं। चारों तरफ पानी भरा है। कुछ गांवों में तैर कर जाना पड़ता है। निवाले का संकट है। तमाम लोग बेघर हो चुके हैं। यहां न सरकारी मदद पहुंच रही है और न ही डाक्टर। गांव के झोलाछाप ही उनके लिए ‘भगवान बन गए हैं। चारो तरफ फसलों की तबाही दिखती है और बेबस परेशान लोग। अफसरों को इनकी फिक्र नहीं है और न ही उन नेताओं को चिंता जो चुनाव में वोट के लिए गिड़गिड़ाते दिखाई देते हैं। हिन्दुस्तान टीम ने कुछ गांवों का दौरा किया तो गांव वालों की पीड़ा छलक पड़ी। खड़गपुर बाजे, ऊंचा गांव, सिकंदरपुर पट्टी, ह्रदयपुर, सुल्तानपुर, गोविंदपुर समेत कई ऐसे गांव हैं जहां बाढ़ बारिश की तबाही दिखती है।

बुखार में तप रहा हनी, गोद में सिसक रही गौरी

फोटो... गौरी और हनी गोद में लिए नानी सरोज और मां राजकुमारी

मुरादाबाद। ह्रदयपुर में बाढ़ से तमाम परिवार बेघर होकर स्कूल में शरण लिए हैं। खाना तो उन्हें मिल रहा पर इलाज नहीं। नानी सरोज की गोद में पांच साल गौरी सिसक रही है। एक कमरे में राजकुमारी अपने बेटे हनी (3) को गोद में सुलाने की कोशिश कर रही है। बुखार में तप रहे बच्चों को दवाई मय्यसर नहीं है। दो दिन पहले डाक्टर आए पर बुखार बेहद खतरनाक है काबू मे नहीं आ रहा। सोमवार को कोई कैंप यहां नहीं लगा। यह सदर तहसील का गांव है जो मूढ़ापाण्डे ब्लाक में मछरिया स्टेशन के पास स्थित है। यहां रामगंगा के वेग से इतना कटान हो चुका है कि जू. हा. स्कूल भी चपेट में आ गया तो यह बेघर कहां जाएंगे यह सवाल है। कटान रोकने को लकड़ी और झाड़ियों को रस्सी से बांध कर डाला गया है पर पानी की कटान बढ़ती जा रही है। इज्जतघर बने हैं पर मकान जमींदोज हो गए हैं। मौके पर मिले नायब तहसीलदार सत्यपाल सिंह ने बताया कि पुनर्वास को जमीन देखने आए हैं वहीं इन बेघर लोगों को बसाया जाएगा। खड़गपुर बाजे, मिलक, घोसीपुरा, ह्रदयपुर एक ग्रामसभा का हिस्सा हैं।

स्कूल में 74 लोगों का पकता खाना

फोटो राज बहादुर प्रधान

ग्राम प्रधान राज बहादुर ने बताया कि जिलाधिकारी के कहने के बाद यहां लगातार बेघर लोगों को खाना खिलाया जा रहा है। 74 लोगों के लिए हर रोज स्कूल में खाना पकाया जाता है। बेघरों को जल्द जमीन मुहैया करवा कर प्रधानमंत्री आवास से उनको मकान बनाए जाएंगे।

बस शौचालय ही बचे

पशुओं के लिए चारा नहीं है। शौचालय ही बचे हैं घर तो बाढ़ ने लील लिए। हम लोग आखिर कहां जाएं। खेती मजदूरी करके पेट पालते हैं। अभी तक सरकारी इमदाद की दरकार है।

बनवारी, ग्रामीण

हम लोग कहां जाएं

मेरा तो पूरा घर रामगंगा की कटान में चला गया। पशुओं को बैठाने की जगह भी नहीं है। आखिर हम लोग कहां जाएं। बीमारियों का हमला हो चुका है। हम लोग बेबस हो गए हैं।

हरिप्रसाद, ग्रामीण

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