आरएफसी कार्यालय बना अखाड़ा, टेंडर के दौरान हंगामा, मारपीट
Moradabad News - आरएफसी कार्यालय में बरेली और मुरादाबाद के ठेकेदारों के बीच टेंडर प्रक्रिया के दौरान मारपीट हुई। बरेली के ठेकेदारों ने मिलीभगत का आरोप लगाया और मुरादाबाद के ठेकेदारों ने हंगामा किया। पुलिस ने बताया कि...

आरएफसी कार्यालय गुरुवार को अखाड़ा बन गया। यहां धान क्रय केंद्रों पर हैंडलिंग और ट्रांसपोटेशन के टेंडर प्रक्रिया के दौरान बरेली और मुरादाबाद के ठेकेदार भिड़ गए। बरेली के ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में मिलाभगत और मारपीट का आरोप लगाया है। मुरादाबाद के ठेकेदारों ने बरेली वालों पर अराजकता का आरोप लगाया। बरेली के ठेकेदार इस मामले में वह कमिश्नर से मिलने गए पर मुलाकात नहीं हो सकी। उधर सिविल लाइन्स पुलिस के अनुसार दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। घटनाक्रम की पृष्ठभूमि एक दिन पुरानी है। बुधवार को तय तिथि के अनुसार सिविल लाइन स्थित संभागीय खाद्य नियंत्रक के कार्यालय में टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई।
बरेली के ठेकेदारों का आरोप है कि स्थानीय अफसरों ने मिलीभगत कर बिजनौर के टेंडर अपने खास ठेकेदारों को दे दिए। बरेली के ठेकेदारों ने इसकी जानकारी आरएफसी अनुभव सिंह को दी तो उन्होंने टेंडर प्रक्रिया रुकवा दी। गुरुवार को संभल और रामपुर की टेंडर शुरू हुए तो बरेली ल मुरादाबाद के ठेकेदार पहुंच गए। पर्ची निकालने के दौरान कुछ घंटे बाद हंगामा शुरू हो गया। कुछ ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि पर्ची निकालने में धांधली की जा रही है। बरेली से नमन ट्रेडर्स के हरिओम ने बताया कि जब उन्होंने जैसे डिब्बे से पर्ची निकलने लगे तो स्थानीय लोग हावी हो गए। मुरादाबाद के ठेकेदार अपने साथ कई लोगों को लेकर आए अचानक हम लोगों को बाहरी कहने पर मारपीट शुरू कर दी। घटनाक्रम का वीडियो बना रहे ऋषभ को पीटने लगे बचाव में आए ब्रजेश के साथ धक्का मुक्की की। कई अन्य लोगों के साथ मारपीट की। बरेली से आए हरिओम, ब्रजेश, जितेंद्र, सुरेश गुप्ता आदि फर्मों से आए ठेकेदारों का आरोप है कि मुरादाबाद के एक अधिकारी ने इसमें भेदभाव किया क्योंकि उनकी यहां स्थानीय लोगों के साथ टेंडरों को लेकर फिक्सिंग हो चुकी थी। जब वह पूरी तरह अपने कार्य में सफल नहीं हुए तो घटना कर दी। इसके बाद ठेकेदारों ने सिविल लाइन्स पुलिस को सूचना दी। मंडलायुक्त के आवास पर मिलने पहुंचे पर वह थे नहीं। दूसरा पक्ष भी तहरीर लेकर पहुंच गया। आरोप लगाया कि बरेली के ठेकेदारों ने हंगामा अराजकता कर माहौल खराब किया मारपीट की। सिविल लाइन्स इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने बताया कि दोनों पक्ष तहरीर लेकर आए थे पर बाद में आपस में उन्होंने समझौता कर लिया। आरएफसी कार्यालय में ठेकेदारों में आपसी विवाद में मारपीट हुई है। पुलिस बल नहीं था अब पुलिस के लिए लिखा है। कल मैं खुद भी पहुंचूंगा। इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए। अनुभव सिंह, संभागीय खाद्य नियंत्रक मुरादाबाद मंडल इतने लोग कैसे पहुंचे कार्यालय उठ रहे सवाल जिनके टेंडर निकलने थे उनके अलावा काफी लोग आरएफसी कार्यालय पहुंचे। सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने लोग कैसे पहुंच गए। कौन ठेकेदार अपने साथ लोगों को लेकर गए। इससे लगता है कि पहले से तैयारी थी कि टेंडरों के लिए किस तरह दबाव बना कर रखना है। दोषी कौन यह जांच का विषय है। हैरत इस बात की है कि पुलिस बल के नाम पर सिपाही भी मौजूद नहीं। एक दिन पहले हुई घटना से नहीं लिया सबक एक दिन पहले कार्यालय में हंगामे के बाद टेंडर प्रक्रिया रोक दी गई। इसके अगले दिन टेंडर होने थे तो पुलिस बल का इंतजाम होना चाहिए था पर ऐसा नहीं हुआ। इसमें अफसरों की भी गलती सामने आई है। ऐसे मामले में पहले से सुरक्षा के इंतजा रखने चाहिए जिससे पारदर्शिता बनी रहे। टेंडर के दौरान ढिलाई होने से ऐसी नौबत आई। सीसी टीवी कैमरे पूरे दफ्तर में लगे हैं इससे स्थिति की सही जानकारी हो सकती है।
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