कोविड संक्रमण के चलते लंबे समय तक लॉकडाउन की दुश्वारी झेलने के बाद फैक्ट्रियों में कामकाज सामान्य होने से राहत महसूस कर रहे शहर के निर्यातकों के सामने कोरोना के चलते ही एक बड़ी समस्या पैदा हो गई है। फैक्ट्रियों में तैयार माल को विदेश एक्सपोर्ट करने के लिए उन्हें कंटेनर नहीं मिल रहे हैं। कई एक्सपोर्ट फैक्ट्रियों में निर्यात किया जाने वाला माल शिपमेंट के लिए कंटेनर डिपो पहुंचने से अटक गया है। यह समस्या विदेश से आने वाले इंपोर्ट के कंटेनरों के यहां अंतरदेशीय कंटेनर डिपो में नहीं पहुंच पाने के चलते पैदा हुई है। दि हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर एसोसिएशन के सचिव सतपाल ने बताया कि जो कंटेनर विदेशों से इंपोर्ट का माल लाते हैं उन्हीं में एक्सपोर्ट का माल भेजा जाता है। इंपोर्ट बंद होने के चलते एक्सपोर्ट के लिए कंटेनरों की भारी समस्या पैदा हो गई है। पोर्ट परिवहन विभाग के साथ वाणिज्य मंत्रालय को भी इस समस्या से अवगत कराया गया है। ईपीसीएच की प्रशासनिक समिति के सदस्य एवं यंग एंटरप्रिन्योर सोसाइटी के अध्यक्ष नीरज खन्ना ने बताया कि लंबे समय के ब्रेक के बाद फैक्ट्रियों में उत्पादन कार्य तेजी पर आया है। लेकिन, अब कंटेनरों की कमी पड़ने से तैयार माल को समय से एक्सपोर्ट नहीं कर पाने की अड़चन पैदा हो गई है। समस्या के समाधान के विकल्प ढूंढे जा रहे हैं। निर्यातक जिन शिपिंग लाइन के जरिये माल भेजते हैं उनसे वह कंटेनर के बाबत अनुरोध कर सकते हैं। शिपमेंट के लिए खाली कंटेनर मुहैया कराना शिपिंग लाइंस की जिम्मेदारी है। जितेंद्र कुमार जीनगर, टर्मिनल मैनेजर, कंटेनर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया
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