ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश मुरादाबादडेंगू बुखार के साथ फैला कोल्ड वायरल, और बढ़े मरीज

डेंगू बुखार के साथ फैला कोल्ड वायरल, और बढ़े मरीज

सेहत पर संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हो रहा है। डेंगू बुखार का प्रकोप बरकरार है तो साथ में कोल्ड वायरल इंफेक्शन के कारण डॉक्टरों के यहां मरीजों की संख्या और बढ़ गई है। डॉक्टरों ने इसका कारण मौसम में आ...

डेंगू बुखार के साथ फैला कोल्ड वायरल, और बढ़े मरीज
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादSun, 12 Nov 2017 08:39 PM
ऐप पर पढ़ें

सेहत पर संक्रमण का खतरा खत्म नहीं हो रहा है। डेंगू बुखार का प्रकोप बरकरार है तो साथ में कोल्ड वायरल इंफेक्शन के कारण डॉक्टरों के यहां मरीजों की संख्या और बढ़ गई है। डॉक्टरों ने इसका कारण मौसम में आ रही ठंडक को बताया है।

नवंबर का आधा महीना पूरा होने को है, लेकिन इस बार अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम नहीं हो रही है। दिवाली के बाद तेजी से बढ़ा डेंगू बुखार का प्रकोप अभी कम नहीं हो रहा है। फिजीशियन डॉ.नितिन कुमार बत्रा ने बताया कि डेंगू के मरीजों की संख्या धीरे धीरे कम होना शुरू हुई है, लेकिन बुखार से पीडि़त कई मरीजों में अब भी डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही सामान्य वायरल बुखार से पीडि़त मरीज बढ़ गए हैं। बुखार के साथ उनमें खांसी, जुकाम, गले दर्द की समस्या ज्यादा देखने में आ रही है। इसकी वजह मौसम में बदलाव के कारण एक्टिव होने वाला वायरस है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं। फिजीशियन डॉ.मो.असद ने बताया कि रात और दिन के तापमान में काफी अंतर होने के कारण भी वायरल संक्रमण ज्यादा बढ़ रहा है। ऐसे में वायरस ज्यादा सक्रिय रहते हैं। दिन के समय ठंड बढ़ने के बाद ही वायरल संक्रमण का प्रकोप घटेगा।

प्लेटलेट्स एक लाख से कम होने पर संदेह

खून में प्लेटलेट्स की संख्या सामान्य तौर पर डेढ़ लाख से साढ़े चार लाख तक होती है। डॉ.नितिन बत्रा ने बताया कि वायरल बुखार होने पर प्लेटलेट्स घटती हैं। सामान्यत: इस स्थिति में यह सवा लाख तक पहुंचती हैं, लेकिन अगर प्लेटलेट्स एक लाख से कम होती हैं तो मरीज को डेंगू होने का संदेह मानकर जांच की सलाह देते हैं। मलेरिया बुखार होने पर प्लेटलेट्स 80 हजार तक लुढ़कती हैं, लेकिन मलेरिया की जांच कराकर समय से इलाज शुरू होना जरूरी है क्योंकि अन्यथा, मरीज को दूसरी दिक्कतें होने की आशंका बढ़ जाती है। वायरल बुखार होने पर प्लेटलेट्स के साथ टीएलसी भी नीचे जाता है। डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए अलग अलग एलाइजा टेस्ट कराया जा रहा है।

डेंगू ज्यादा हावी हुआ मलेरिया के मच्छर पस्त

इस बार मलेरिया के बजाय डेंगू के केस ज्यादा आने पर डॉक्टर हैरानी जाहिर कर रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इस बार मलेरिया के मरीज नहीं के बराबर हैं, जबकि डेंगू के मरीजों की लाइन लगी हुई है। डॉ.सीपी सिंह का कहना है कि मलेरिया के मच्छरों पर डेंगू के मच्छर भारी पड़ गए हैं।

डेंगू के डंक में मुसीबत कोल्ड ड्रिंक

फिजीशियन डॉ.राकेश कुमार ने बताया कि डेंगू के मरीज को सादा पानी, नारियल पानी पीना चाहिए। पानी में ग्लूकोज डालकर भी पी सकते हैं, लेकिन कोल्ड ड्रिंक और ओआरएस नहीं पीना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक और ओआरएस लेने पर मिचली की समस्या बढ़ जाती है। डॉ.नितिन बत्रा ने बताया कि कोल्ड ड्रिंक में केमिकल की मौजूदगी दिक्कत बढ़ा देती है। डॉ.सीपी सिंह ने बताया कि डेंगू से पीडि़त मरीज को तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए। खूब फल खाएं। केला, सेब, संतरा, मौसमी के साथ ही किवी फल लेना बहुत फायदेमंद रहता है। चाय काफी भी पीना सही है। इससे प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद मिलती है।

डेंगू कम, डेंगू आशंकित मरीज ज्यादा

जिला संक्रामक रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ.रंजन गौतम का कहना है कि वायरल संक्रमण के कारण मरीजों के खून में प्लेटलेट्स घट रही हैं। दावा किया कि जिले में किसी भी मरीज में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई है। निजी डॉक्टरों के यहां बड़ी संख्या में इलाज करा रहे मरीजों को डेंगू आशंकित बताया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें