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दांतों के लिए बहुत खराब बार बार मीठा खाना

दिन के समय कई बार चाकलेट, टॉफी और मिठाई खाना दांतों को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे दांतों में कीड़े लगने की समस्या बढ़ रही है। दिन भर में सिर्फ एक दो बार ही मीठा खाना व इसके बाद दांतों को साफ करना...

दांतों के लिए बहुत खराब बार बार मीठा खाना
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादSun, 27 Aug 2017 08:46 PM
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दिन के समय कई बार चाकलेट, टॉफी और मिठाई खाना दांतों को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे दांतों में कीड़े लगने की समस्या बढ़ रही है। दिन भर में सिर्फ एक दो बार ही मीठा खाना व इसके बाद दांतों को साफ करना अच्छा है। यह जानकारी रविवार को राही होटल में हुई इंडियन डेंटल एसोसिएशन (आईडीएस) की सीएमई में दी गई। इसमें विशेषज्ञों ने दांतों की नसों को खराब नहीं होने देने पर जोर दिया। डॉ.अभिनय अग्रवाल ने बताया कि दांतों में कीड़ा लगने से संक्रमण होता है। आगे चलकर दांतों की नसें खराब हो जाती हैं। इससे दांत गिरने की समस्या पैदा होती है। दिन में बार बार मीठा खाना दांतों में कीड़ा लगने का कारण है। कुछ चीजों के रेशे दांतों में फंस जाते हैं। इससे भी इनफेक्शन हो जाता है। इससे बचने के लिए खाने के बाद दांतों को साफ करना जरूरी है। अगर दांतों को कीड़ा लगने देने से बचाएं तो बुढ़ापे में भी दांत गिरेंगे नहीं। जिदंगी भर साथ निभाएंगे। दांतों में कीड़ा लगने का इलाज रूट कैनाल ट्रीटमेंट है। डॉक्टरों को इसे बेहतर तरीके से करने के टिप्स दिए गए। टेढ़े दांत होने पर भी नहीं गड़बड़ाएगी जुबां सीएमई में डॉ.अनिका गर्ग ने स्पीच थेरेपी के बारे में जानकारी दी। डॉ.अनिका जिला अस्पताल में स्पीच थेरेपिस्ट हैं। बताया कि जिन बच्चों के दांत टेढ़े होते हैं उन्हें सही तरीके से बोलने में दिक्कत आती है। स्पीच थेरेपी में इसका समाधान है। बच्चों के हकलाने, तुतलाने से परेशान अभिभावकों को उनकी स्पीच थेरेपी करानी चाहिए। बच्चों में एकाग्रता की कमी को भी यह थेरेपी ठीक करती है। कम सुन पाने वाले बुजुर्ग और पैदाइशी मूक बधिर बच्चे भी ठीक हो सकते हैं। बारीकियों से रूबरू हुए डॉक्टर आईडीए की सीएमई में डॉक्टर दंत चिकित्सा की नई विधाओं से रूबरू हुए। अध्यक्षता ब्रांच अध्यक्ष डॉ.यशपाल सिंह ने की। संचालन व आभार सचिव डॉ.विवेक शर्मा ने व्यक्त किया। डॉ.अंकित गर्ग, डॉ.सीमा चौधरी, डॉ.पीएन टंडन, डॉ.अनिल रोहिला, डॉ.प्रियांशु पाल, डॉ.राहुल वर्मा, डॉ.नितिन वार्ष्णेय, डॉ.रवि गौड़, डॉ.आशुतोष गोयल, डॉ.हिमांशु अरोड़ा, डॉ.यूपी सिंह, डॉ.नवीन मनूजा, डॉ.टीनाशाह, डॉ.चैत्रा, डॉ.केके चौबे, डॉ.अंकित अग्रवाल, डॉ.अब्बास, डॉ.दीपक जैन, डॉ.पुलकित, डॉ.विजय कुमार, डॉ.एचएस सक्सेना आदि मौजूद रहे। प्रांतीय पदाधिकारियों की भी चर्चा सीएमई के बाद आईडीए की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। संचालन प्रांतीय सचिव डॉ.सचिन प्रकाश ने किया। उपाध्यक्ष डॉ.उमेश शर्मा, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ.मुरारी शर्मा आदि रहे।

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