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करोड़ों लेकर चिटफंड कंपनी फरार, निवेशकों का हंगामा

महानगर में एक और चिटफंड कंपनी सैकड़ों लोगों का करोड़ों रुपया लेकर फरार हो गई। पांच साल में रकम दोगुनी देने का आश्वासन देकर कंपनी स्वामियों ने लोगों...

करोड़ों लेकर चिटफंड कंपनी फरार, निवेशकों का हंगामा
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादMon, 24 May 2021 06:40 PM
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महानगर में एक और चिटफंड कंपनी सैकड़ों लोगों का करोड़ों रुपया लेकर फरार हो गई। पांच साल में रकम दोगुनी देने का आश्वासन देकर कंपनी स्वामियों ने लोगों का करीब 50 करोड़ रुपया जमा करवा लिया। मोटे मुनाफे के लालच में कंपनी के एजेंट बने लोगों ने अपने परिचितों की भी रकम जमा करवा दी। मैच्योरिटी का वक्त पूरा होने पर कंपनी रकम लेकर फरार हो गई। कई दिन तक चक्कर लगाने के बाद एजेंटों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वह सोमवार को भड़क गए। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे एजेंटों ने कंपनी के डायरेक्टर के घर के सामने जमकर हंगामा किया। मोहल्ले वालों से सूचना पर पहुंची सिविल लाइंस पुलिस ने लोगों को शांत कराया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।

हंगामा सोमवार दोपहर सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के आशियाना फेस टू में हुआ। कई गांवों के ग्रामीण दोपहर को यहां पर रहने वाले अजय यादव के घर के सामने जुटे और हंगामा करने लगे। उनका कहना था कि अजय यादव ने अपनी पत्नी गीता यादव व बेटे अभिषेक यादव समेत कई लोगों के साथ मिलकर जनहित म्युचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड, जनहित प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और जनहित निधि लिमिटेड के नाम से चिटफंड कंपनी खोली थी। सोनकपुर स्टेडियम के अलावा जिले में कई स्थानों पर कंपनी के कार्यालय खोले थे। हंगामे में शामिल आशियाना फेस टू निवासी नवनीत कुमार ने बताया कि कंपनी एफडी और आरडी करती है। कंपनी से पालिसी कराने पर पांच साल बाद रकम दोगुनी मिलेगी। इसके अलावा अगर वह कंपनी का एजेंट बनकर किसी दूसरे की पालिसी कराते हैं तो उस पर मोटा मुनाफा दिया जाएगा। नवनीत के अनुसार उसने खुद व अपने परिचितों का करीब एक करोड़ रुपया लगवा दिया। इसी तरह सैकड़ों लोगों ने खुद के साथ ही अपने मिलने वालों की रकम कंपनी के खातों में जमा करा दी। हंगामा करने वालों का कहना था कि वर्ष 2015 से वह कंपनी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं, अब जब मैच्योरिटी का समय पूरा हुआ तो भी कार्यालय बंद करके फरार हो गए। कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया तो भरोसा दिलाया गया कि जमा हुई रकम से जमीन खरीदी गई है, जिसे बेचकर सभी की रकम अदा कर दी जाएगी। लेकिन लंबा वक्त होने के बाद भी न तो रकम वापस कर रहे हैं और न ही कोई जवाब दे रहे हैं।

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