पढ़ाई के साथ बच्चे बनेंगे टेक्नोक्रेट
सीबीएसई स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ-साथ टेक्नोक्रेट बनेंगे। इसकी तैयारी इसी सत्र में शुरू हो गई है। स्कूली बच्चों को स्किलफुल बनाने के लिए स्कूलों को वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और आईटीआई से जोड़ा...
सीबीएसई स्कूलों के बच्चे अब पढ़ाई के साथ-साथ टेक्नोक्रेट बनेंगे। इसकी तैयारी इसी सत्र में शुरू हो गई है। स्कूली बच्चों को स्किलफुल बनाने के लिए स्कूलों को वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर और आईटीआई से जोड़ा जाएगा। बोर्ड ने इसके लिए देश भर में पच्चीस मॉडल आईटीआई और चार सौ आईटीआई व वोकेशनल सेंटरों की लिस्ट भी स्कूलों को उपलब्ध कराई है। साथ ही यह निर्देश दिए हैं कि स्कूल अपने पड़ोस के वोकेशनल सेंटर से लिंक हों। इसका मकसद डिजिटल इंडिया के तहत बच्चों को स्कूल स्तर पर ही विभिन्न कौशल शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। बोर्ड का मानना है कि स्कूलों को आईटीआई से लिंक करने से न केवल बच्चों को वोकेशनल कोर्सेज की जानकारी होगी बल्कि इस क्षेत्र के जॉब के प्रति एक्सपोजर भी मिलेगा। बोर्ड ने यह भी कहा है कि जो स्कूल अपने विद्यालय में वोकेशनल कोर्स चला भी रहे हैं, वह भी इन वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटरों की सुविधा लें, ताकि बच्चों के स्किल को बढ़ाया जा सके। मंडल में तीन सेंटर से जुड़ सकेंगे स्कूल मुरादाबाद मंडल में तीन आईटीआई व वोकेशन सेंटर का विकल्प दिया गया है, जिससे विद्यालय जुड़ सकेंगे। इनमें नजीबाबाद, चंदौसी और बिजनौर को शामिल किया गया है। क्या कहते हैं प्रिंसिपल आर्यंस स्कूल के प्रिंसिपल हेमंत कुमार झा का कहना है कि कुशल भारत कौशल भारत के तहत बच्चों को स्कूल स्तर पर कौशल शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए यह पहल की गई है। स्कूल स्तर पर सभी वोकेशनल कोर्सेज को नहीं चलाया जा सकता है। इसलिए स्कूलों को आईटीआई और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटरों से जोड़ा गया है। इसके माध्यम से स्कूल विभिन्न कार्यशाला से जुड़कर बच्चों को वोकेशनल ट्रेनिंग दे सकेंगे। दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल अनुपम जग्गा का कहना है कि विद्यालय स्तर पर सभी वोकेशनल ट्रेनिंग देना संभव नहीं है। यहां न तो लैब की बेहतर सुविधाएं रहती हैं और न ही वोकेशनल कोर्स के एक्सपर्ट शिक्षक। ऐसे में चुने हुए सेंटरों से स्कूलों को ऑनलाइन लिंक कर बच्चों को स्कूल स्तर से ही स्किलफुल बनाया जा सकेगा।