बुद्धाशाह मियां के उर्स का कुलशरीफ के साथ हुआ समापन
नगर के मोहल्ला ठाकुरान स्थित कब्रिस्तान में चल रहे तीन दिवसीय उर्स का समापन मंगलवार की देर रात कुलशरीफ के साथ किया गया। जिसमें उलेमाएं इकराम ने सलातो सलाम पढ़ मुल्को मिल्लत के लिए अमन व चैन की दुआएं...
नगर के मोहल्ला ठाकुरान स्थित कब्रिस्तान में चल रहे तीन दिवसीय उर्स का समापन मंगलवार की देर रात कुलशरीफ के साथ किया गया। जिसमें उलेमाएं इकराम ने सलातो सलाम पढ़ मुल्को मिल्लत के लिए अमन व चैन की दुआएं मांगीं। बुद्धाशाह मियां के सालाना 43 वें उर्स के मौके पर अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ी। अकीदतमंदों ने मजार पर चादरपोशी करके दुआएं मांगीं। बदायूं के सैदपुर से आए कव्वाल मोहम्मद आसिफ साबरी ने अपने कलाम, ‘ हम गुलामे ख्वाजा हैं, कह दो यह जमाने से, हम कभी नहीं डरते अपना सर कटाने से को अपने तराना अंदाज में पेश कर काफ ी वाहवाही लूटी। कव्वालों ने बुद्धाशाह मियां की शान में अनेकों कव्वालियां पेश कीं। मंगलवार की देर रात 2:38 बजे कुलशरीफ का आयोजन किया गया। इस मौके पर उलेमाएं इकराम ने सलातो सलाम पढ़ा। फ ातिहा के बाद मुल्को मिल्लत व अमन चैन की दुआ कराकर अमन व मोहब्बत से रहने की हिदायत दी। इस दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता हाजी मोहम्मद इकबाल, हाजी मोहम्मद इस्लाम, डा. अनवार हुसैन गुच्छन, छोटे अंसारी, शाहिद हुसैन, शारिक इकबाल, राशिद हुसैन, नईम अंसारी, खलील अहमद, रऊफ , नसीर अहमद, नन्हें, नईम, काजी सईद अहमद, आलिम, गुलहसन, असलम, फ य्यूम, नियाज अहमद, चांद मोहम्मद, मोहम्मद शफ ीक, जरीफ अंसारी, नसीम बाबू, इशहाक अंसारी, हप्पू राजा आदि सहित अनेकों अकीदतमंद मौजूद रहे।