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उवैश ने पकड़े थे पैर, दिलशाद ने घोंटा था राबिया का गला

उवैश ने पकड़े थे राबिया के पैर और दिलशाद ने गला घोटा था। वहीं मीट कारोबारी फाजिल को शादी के बहाने बुलाया था। बाइक से ले जाकर रिश्ते के बहनोई के साथ हत्या कर दी थी। शमशाद ने खून से सने कपड़ों को...

उवैश ने पकड़े थे पैर, दिलशाद ने घोंटा था राबिया का गला
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादWed, 10 Oct 2018 08:29 PM
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उवैश ने पकड़े थे राबिया के पैर और दिलशाद ने गला घोटा था। वहीं मीट कारोबारी फाजिल को शादी के बहाने बुलाया था। बाइक से ले जाकर रिश्ते के बहनोई के साथ हत्या कर दी थी। शमशाद ने खून से सने कपड़ों को ठिकाने लगाया था। यह कबूल किया पकड़े गए राबिया के भाई, पिता व रिश्ते के बहनोई ने। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर दोहरे हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू और बाइक बरामद कर ली गई।

एसपी सिटी अंकित मित्तल ने पत्रकार वार्ता में डबल मर्डर का खुलासा किया। पकड़े गए हत्यारोपियों के नाम शमशाद, दिलशाद (पिता-पुत्र) निवासी करूला व उवैश (राबिया के रिश्ते का बहनोई) निवासी कुंदरकी बताए। राबिया के आचरण को लेकर परिवार वाले व ससुराली परेशान थे। आए दिन प्रेमी फाजिल के साथ गायब रहने पर ही हत्या की योजना बनाई थी। बताया फोन करके फाजिल को निकाह कराने व आरिफ से तलाक दिलाने की बात कहकर उसे करूला बुलाया था। बाइक से उसे उमरी सब्जीपुर तक ले गए थे। वहीं उसकी गर्दन में चाकू से ताबड़तोड़ वार कर मार डाला था। उवैश भी साथ में था। घर आकर राबिया को सोते समय उठाया। इसके बाद उसका भी गला घोटकर हत्या कर दी। सुबह दिल का दौरा पड़ने की जानकारी देकर शव को दफना दिया था।

डबल मर्डर के बाद मोबाइल पर संगीत सुनता रहा था दिलशाद

मुरादाबाद। मीट कारोबारी व फाजिल व सगी बहन की हत्या के बाद दिलशाद व उवैश घर में ही मोबाइल पर संगीत सुनते रहे थे। पिता को फोन पर ही फाजिल का काम तमाम करने की जानकारी दे दी थी। लिहाजा पिता शमशाद पहले से ही सतर्क था। घर आने पर शमशाद के कहने पर ही दिलशाद व उवेश बस द्वारा दिल्ली फरार हो गए थे।

खून से सने कपड़ों को राबिया के पिता ने लगाया ठिकाने

खून से सने कपड़ों को राबिया के पिता शमशाद ने घर के पास ही नाले में डाल दिया था। इसके साथ ही, फाजिल का मोबाइल फोन भी तोड़कर नाले में डाल दिया था। खुद घर पर ही बना रहा था। सुबह मोहल्ले वालों को दिल का दौरा पड़ने से राबिया की मौत की जानकारी देकर शव दफन कर दिया था।

आरिफ से झगड़े के बाद ही गायब हुई थी राबिया

तीन अक्टूबर को राबिया का आरिफ से जमकर विवाद हुआ था। इसके बाद वह मासूम बच्ची को छोड़कर प्रेमी से मिलने चली आई थी। इसके बाद आरिफ ने ससुरालियों को फोन करके राबिया के बारे में जानकारी की थी। उन्हें बताया गया था कि राबिया जयंतीपुर स्थित रिश्तेदारी में है।

प्रेस वार्ता में भी इंस्पेक्टर पाकबड़ा हत्यारोपियों को समझाते रहे स्क्रिप्ट

पत्रकार वार्ता के दौरान भी इंस्पेक्टर पाकबड़ा गजेंद्र त्यागी हत्यारोपियों को अपनी स्क्रिप्ट समझाते रहे। बीच-बीच में हिदायत भी दी। दिलशाद ने पूरी कहानी बतानी शुरू की तो बीच में उसे रोक दिया। उन्होंने राबिया के पति आरिफ को असामान्य बता दिया। सवाल उठता है कि सउदी अरब में नौकरी करने वाला आरिफ क्या असामान्य हो सकता है। सउदरी में वह छह साल से रह रहा था। वहां रहकर वह मुख्य बैल्डर है। बुधवार देर रात तक आरिफ पाकबड़ा पुलिस की हिरासत में था।

राबिया के पति को क्लीन चिट देकर सवालों में घिरी पाकबड़ा पुलिस

राबिया के प्रेम संबंधों की जानकारी पति आरिफ को भी थी। इसी कारण दोनों में विवाद रहता था। राबिया के घर से गायब होने व फाजिल के मर्डर तक आरिफ की दिलशाद व शमशाद से बातचीत होती रही थी। राबिया को तलाश भी करवाता रहा था। इसके बाद भी आरिफ को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी। सूत्रों का कहना है कि पाकबड़ा पुलिस ने एक प्रधान के जरिए मोटी रकम लेकर क्लीन चिट दी है।

अचानक राबिया की दिल का दौरा पड़ने से मौत पर आरिफ ने कैसे कर लिया यकीन

पाकबड़ा पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। पकड़े गए राबिया के पिता ने बताया कि छह अक्टूबर को मोहल्ले के दो लड़कों को आरिफ के घर भेजकर दिल का दौरा पड़ने से मौत की जानकारी दिलवाई थी। सवाल उठता है कि एक दिन पहले पूरी तरह से ठीक-ठाक राबिया की अचानक मौत का विश्वास आरिफ ने कैसे कर लिया। आरिफ ने सवाल क्यों नहीं उठाए। पीटने और गला घोंटने के निशान उसने क्यों नहीं देखे। सूत्रों का कहना है कि आरिफ को राबिया और फाजिल हत्याकांड की पूरी जानकारी थी।

बस स्टैंड पर खड़ी रही खून से सनी फाजिल की बाइक

पकड़े गए राबिया के भाई दिलशाद ने बताया कि फाजिल की हत्या के बाद उसकी बाइक को रोडवेज बस स्टैंड के गेट पर लावारिस हाल में छोड़कर फरार हो गए थे। खास बात यह कि खून से सनी बाइक घंटों तक सार्वजनिक स्थान पर खड़ी रही, लेकिन पुलिस की नजर उस पर नहीं पड़ी। पकड़े जाने के बाद ही पुलिस ने उसे बरामद किया। इससे पुलिस की घोर लापरवाही उजागर होती है।

जामा मस्जिद के पास किराए के घर में बनाया था हत्यारोपियों ने ठिकाना

डबल मर्डर की वारदात को अंजाम देने के बाद दिलशाद व उवैश बस द्वारा दिल्ली पहुंच गए थे। जामा मस्जिद स्थित किराए का कमरा लेकर रहने लगे थे। योजना तो हैदराबाद जाने की थी, लेकिन पैसे अधिक नहीं थे। इस कारण हैदराबाद नहीं जा सके।

डबल मर्डर की अभी जांच की जा रही है। आरिफ की मर्डर में यदि भूमिका है तो जांच में उसका नाम प्रकाश में लाया जाएगा। किसी निर्दोष को जेल नहीं भेजा जाएगा।

अंकित मित्तल, एसपी सिटी

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