जो फैसला उनके हित में नहीं होता उसका विरोध करती है सपा : भूपेंद्र सिंह
Moradabad News - संभल में हुई हिंसा के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि सपा चुनाव हारने के बाद ईवीएम पर आरोप लगाती है। चौधरी ने यह भी...

संभल में हुई हिंसा के मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश अदालत के आदेश पर हो रहे सर्वे पर सवाल उठा रहे हैं। जब भी उनके हित में फैसला नहीं होता वह हर फैसले का विरोध करते हैं। मुरादाबाद पहुंचे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी के उप चुनाव में सपा की हार की कुंठा साफ दिख रही है। उन्होंने कहा कि जहां वह जीतते हैं वहां कुछ नहीं कहते जहां हारते हैं तो ईवीएम को दोषी ठहराते हैं। अगर ईवीएम दोषी है तो जहां चुनाव जीते तो इस्तीफा क्यों नहीं दिलवा देते। चौधरी भूपेंद्र सिंह मंगलवार को सिविल लाइन्स स्थित लोनिवि गेस्ट हाउस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संभल में हिंसा के पीछे वहां सपा के दो नेताओं के आपसी वर्चस्व की जंग है, जिसमें वहां की जनता पिस रही है। अदालत के निर्देश पर सर्वे हो रहा था उसमें किसी के हस्तक्षेप की क्या जरूरत। सदन में अखिलेश यादव याचिका कर्ताओं और न्यायालय के निर्णय तक पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा की चरित्र ही ऐसी है जो बात उनके मन मुताबिक नहीं होती है उसका विरोध करते हैं। चाहे वह अदालत का ही निर्णय क्यों न हो। उन्होंने कहा कि संभल में शांति है उस शांति को भंग करने की कोशिश कुछ लोग अभी भी कर रहे हैं। प्रदेश में उप चुनाव की करारी हार ने इतने गहरे जख्म दिए हैं कि उसी की बौखलाहट में सपा इस तरह की बयानबाजी कर रही है। संभल मामले में न्यायिक जांच हो रही है।
मंडल अध्यक्ष के चुनाव में पचास फीसदी बूथ कमेटी गठित होना जरूरी
मुरादाबाद। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। पंद्रह दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में बूथ कमेटियों का पचास फीसदी गठन होना जरूरी है। सभी मंडलों में एक-एक प्रतिनिधि चुना जाएगा। पंद्रह से तीस दिवंसबर तक जिला और महानगर अध्यक्ष के चुनाव होंगे। हमारा प्रयास है कि सभी जिलों में सहमति के आधार पर अध्यक्षों के चुनाव संपन्न करवाए जाएं। पारदर्शी व्यवस्था में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। प्रतिनिधियों में विधानसभा क्षेत्र स्तर पर एक महिला और एक अनुसूचित जाति का प्रतिनिधि होना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया पूरे प्रदेश में आरंभ हो चुकी हैं। साधारण सदस्यता अभियान अब पूरा हो चुका है।
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