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त्वरित और सख्त फैसलों के लिए हमेशा याद रहेंगे एडीजे

कोरोना संक्रमण की जंग हारे अपर जिला जज सत्यप्रकाश द्विवेदी के कोर्ट में दिए फैसले आगे भी याद किए जाएंगे। फास्ट ट्रैक कोर्ट में महिला उत्पीड़न और...

त्वरित और सख्त फैसलों के लिए हमेशा याद रहेंगे एडीजे
हिन्दुस्तान टीम,मुरादाबादTue, 13 Apr 2021 06:50 PM
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कोरोना संक्रमण की जंग हारे अपर जिला जज सत्यप्रकाश द्विवेदी के कोर्ट में दिए फैसले आगे भी याद किए जाएंगे। फास्ट ट्रैक कोर्ट में महिला उत्पीड़न और दहेज हत्या जैसे कई गंभीर धाराओं में दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। पीड़िता की गवाही को पुख्ता सबूत मान कोर्ट ने त्वरित व सख्त फैसला बरकरार रखा। संयोग है कि उनका उन्नाव में स्थानांतरण हुआ। कोरोना के चलते रविवार को आर्य समाज स्कूल में विदाई समारोह भी आयोजित नहीं किया जा सका।

पीलीभीत जिले की पूरनपुर तहसील के सत्य प्रकाश द्विवेदी तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। 53 साल के एसपी द्विवेदी एडीजे बनकर 2016 में आए। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज के तौर पर महिला उत्पीड़न, दहेज हत्या मामलों में कई फैसले अहम बने। महिलाओं के साथ ज्यादती पर उन्होंने सख्ती दिखाई और कड़े फैसले लेकर उम्रकैद की सजाएं सुनाई। आर्य समाजी और अधिवक्ता रमेश सिंह आर्य बताते है कि कार्यकाल पूरा होने के बाद उनका तबादला उन्नाव हुआ। न्यायिक अधिकारी को कार्यभार छोड़ना था। उनके स्थानांतरण के कारण रविवार को आर्य समाज में विदाई समारोह रखा गया था। शनिवार को कोरोना का सैंपल लिया गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के आद उन्हें टीएमयू अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहे अधिकारी ने मंगलवार दोपहर में दम तोड़ दिया।

दोषियों को नहीं बख्शा, दी उम्रकैद

एफटीसी कोर्ट में रहीं पूर्व एडीजीसी रेशमा बेगम का कहना है कि गंभीर केसों में आरोपी को सजा देने के लिए तत्पर थे। चंदौसी में विवाहिता की मौत में वरिष्ठ अधिकारी पति आकाश को उम्रकैद और सास-ननद को सात साल की सजा सुनाई। इस केस की पैरवी के लिए हाईकोर्ट से अधिवक्ता हर तारीख पर आते। इसी तरह डिलारी केस में आरोपी अधिवक्ता को भी सजा देने से गुरेज नहीं किया।

व्यवहारिक और धार्मिक प्रवृति

मुरादाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव अभिषेक भटनागर का कहना है कि उनके व्यवहार से सभी कायल थे। बाजार से सामान लेते हुए उन्हें कई बार देखा तो जानने वाले भी आश्चर्य में पड़ गए।

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