आला अफसर ट्रेनों के लेट होने के असल कारण: शिवगोपाल
रेलवे में अभी बहुत स्तर पर अतिवाद है। इस वजह से सेवा और सुविधा के इस उपक्रम को फजीहत झेलनी पड़ रही है। देश में ढाई करोड़ लोग रोजाना ट्रेनों में सफर करते हैं। ऐसे में रेलवे में बहुत सुधार की दरकार...
रेलवे में अभी बहुत स्तर पर अतिवाद है। इस वजह से सेवा और सुविधा के इस उपक्रम को फजीहत झेलनी पड़ रही है। देश में ढाई करोड़ लोग रोजाना ट्रेनों में सफर करते हैं। ऐसे में रेलवे में बहुत सुधार की दरकार है।
हमें विश्व के अन्य देशों से सीख लेकर रेलवे को और सुगम और सुरक्षित बनाने का प्रयास करना होगा। शनिवार को रेलवे फेडरेशन आफ इंडिया(एआईआरएफ)और नरमू के राष्ट्रीय महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने हिन्दुस्तान से बातचीत में यह जानकारी दी। ट्रेनों के लेट चलने सहित अन्य सवालों पर सिलसिलेवार अपने विचार रखे। कहा, रेल मंत्री ने कई समस्या के स्थायी समाधान की योजना बनाई है, लेकिन वह कुछ मुद्दों को लेकर अतिवाद के शिकार हैं। ट्रेनों के संचालन को समयबद्ध करने के सवाल पर उनके कई फरमान चर्चा में है। जब तक समस्या के समाधान का कारगर प्रयास नहीं होगा,तब तक सही परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है। कर्मचारी नेता ने तर्क दिया कि देश में रेल ट्रैक बदलने और मरम्मत के काम हो रहे हैं। सीआरबी ने इसके लिए ईमानदार पहल की है। ब्लाक का समय तक किया है, लेकिन रेलवे में मेंटीनेंस वाले इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। ब्लाक का सदुपयोग नहीं हो रहा है। रेल ट्रैक का वांछित काम हो पा रहा है। क्योंकि पर्याप्त मैटेरियाल की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मिश्र ने कहा कि रेलवे के प्लानर इस काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पटरी बदलने और दुरुस्त करने का काम आधा अधूरा हो रहा है। जबकि यह कार्य बहुत ही जरूरी है। इसी वजह से ट्रनें समय से नहीं चल पा रहीं हैं।