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ग्योंड़ी गांव के 8 प्राचीन सरोवरों के अस्तित्व में मंडरा रहा खतरा

ग्योंड़ी गांव के 8 प्राचीन सरोवरों के अस्तित्व में अब खतरा मंडरा रहा है। तालाब की भीट में दबंगों का कब्जा होना व कूडे़ के ढेर लगे होने से रकवा सिकुड़ता जा रहा है। जिम्मेवारों के ध्यान न देने से यह...

ग्योंड़ी गांव के 8 प्राचीन सरोवरों के  अस्तित्व में मंडरा रहा खतरा
हिन्दुस्तान टीम,महोबाMon, 14 Jan 2019 11:37 PM
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ग्योंड़ी गांव के 8 प्राचीन सरोवरों के अस्तित्व में अब खतरा मंडरा रहा है। तालाब की भीट में दबंगों का कब्जा होना व कूडे़ के ढेर लगे होने से रकवा सिकुड़ता जा रहा है। जिम्मेवारों के ध्यान न देने से यह सरोवर विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जिससे ग्योंड़ी गांव के बाशिंदे सर्दी के मौसम में भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

कबरई ब्लाक की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत ग्योंड़ी की करीब 24 हजार आबादी है। जहां ग्रामीणों की प्यास बुझाने को चन्दा तालाब, रपटा तालाब, देवकली तालाब, डेरा तालाब, काली माता मंदिर तालाब, पुरानी चौकी तालाब, छोटी भवानी तालाब, खदरा तालाब है। लेकिन साल दर साल उपेक्षा का दंस झेल रहे यह तालाब अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहंुच गए हैं। जिम्मेवारों द्वारा कभी तालाबों का सुंदरीकरण नहीं कराया गया जिससे इन तालाबों का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। इसके अलावा तालाब की भीट पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है तो कूडे़ के ढेर लगे होने से रकवा भी सिकुड़ता जा रहा है। इसके अलावा गांव का गंदा पानी भी तालाबों में ही छोड़ा जा रहा है। तालाबों का पानी सूखने से गांव में लगे हैंडपम्पों का भी जलस्तर नीचे खिसकता जा रहा है। जिससे उन्होंने पानी उगलना बंद कर दिया है। ग्रामीण सर्दी के मौसम में भी पेयजल की किल्लत से जूझ रहे हैं। ग्रामीण अनुराग सिंह, अजीत प्रताप सिंह, उमाशंकर यादव, छोटे खान व मन्नू अनुरागी का कहना है कि तालाबों की भीट से अतिक्रमण हटवाते हुए इनका सुंदरीकरण करना बेहद जरुरी है। उधर पूर्व प्रधान सुरेन्द्र सिंह कहते हैं कि तालाबों की सिल्ट सफाई हो जाए तो इनकी क्षमता बढ़ सकती है जिससे ग्रामीणों को पेयजल की किल्लत से नहीं जूझना पडेग़ा।

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