ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश महोबामातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का लक्ष्य

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का लक्ष्य

क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही तीन दिवसीय जिला स्तरीय लक्ष्य ट्रेनिंग का बुधवार को समापन हो गया। तीन दिन में अलग-अलग बैचों में प्रसव केंद्रों में कार्यरत स्टाफ को ट्रेनिंग के...

मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का लक्ष्य
हिन्दुस्तान टीम,महोबाWed, 21 Aug 2019 11:10 PM
ऐप पर पढ़ें

क्वालिटी एश्योरेंस कार्यक्रम के अंतर्गत चल रही तीन दिवसीय जिला स्तरीय लक्ष्य ट्रेनिंग का बुधवार को समापन हो गया। तीन दिन में अलग-अलग बैचों में प्रसव केंद्रों में कार्यरत स्टाफ को ट्रेनिंग के उद्देश्यों से अवगत कराया गया।

तीन दिवसीय ट्रेनिंग का उद्घाटन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.संतराज ने किया था। जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ.पूनम सचान, नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष निरंजन, क्वालिटी इम्प्रूवमेंट मेंटर आकांक्षा यादव और एनेस्थीसिया डॉ.बनर्जी ने प्रसव कार्य करने वाले स्टाफ को प्रशिक्षित किया।

डॉ.आशुतोष निरंजन ने शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रसव केंद्रों में मौजूद स्टाफ को नवजात की जन्म के समय की गतिविधि का सही तरीके से आंकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन्म के तुरंत बाद अगर नवजात रोता नहीं है तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए नवजात का रोना जरूरी है। जन्म के तुरंत बाद नवजात को स्तनपान कराया जाए। नवजात को मां के संपर्क में रखा जाए ताकि उसके शरीर का तापमान भी नियंत्रित रह सके। डॉ.पूनम सचान ने कहा कि प्रसव कार्य के दौरान स्टाफ को हर प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए। साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। संक्रमण की वजह से कई बार जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा हो जाता है। एसएनसीयू के डॉ.सुमित ने नवजात शिशुओं को रिवाइज (पुनर्जीवित) करने का डैमो करके दिखाया। क्वालिटी इम्प्रूवमेंट मेंटर आकांक्षा यादव ने बताया कि प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ओटी में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाएगा। एनक्यूएएस पर 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधा को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 90 प्रतिशत, 80 प्रतिशत और 70 प्रतिशत से अधिक स्कोर करने वाली सुविधाओं को क्रमश: प्लैटिनम, गोल्ड और सिल्वर बैज दिए जाएंगे। एक्यूएएस प्रमाणन प्राप्त करने वाली, परिभाषित गुणवत्ता संकेतकों और 80 प्रतिशत संतुष्ट लाभार्थियों वाली सुविधाओं को मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल और एफआरयू के लिए क्रमश: 6 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपए का प्रोत्साहन दिया जाएगा। आखिरी दिन आरसीएच के नोडल डॉ.एमके वल्लभ, एनएचएम के जिला प्रबंधक सुरेंद्र साहू भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें