बुंदेलों की वीरता का गवाह है कजली महोत्सव
महोबा, संवाददाता। बुंदेलों की सुनो कहानी बुंदेलों की वाणी में,पानीदार यहां का पानी, आगपुराने युद्ध का वर्णन है। कजली महोत्सव का आगाज मंगलवार को शोभा य
महोबा, संवाददाता। बुंदेलों की सुनो कहानी बुंदेलों की वाणी में,पानीदार यहां का पानी, आग यहां के पानी में इन पंक्तियों से महोबा की वीरता की झलक दिख रही है। वीर भूमि का इतिहास वीरता से भरा है। 842 साल पूर्व चंदेल सेना ने दिल्ली नरेश पृथ्वीराज चौहान को युद्ध में धूल चटाकर वीरता का परचम फहराया था। इस युद्ध के जीत के नायक आल्हा ऊदल की वीरता के किस्से आज भी लोगों की जुबां पर रहते है। कजली महोत्सव वीरता की याद में आयोजित होता है। कजली महोत्सव को वीरता की याद में मनाया जाता है। इतिहास में 842 साल पुराने युद्ध का वर्णन है। कजली महोत्सव का आगाज मंगलवार को शोभा यात्रा के साथ होगा। महोत्सव में बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, छतरपुर सहित प्रदेश के कोने-कोने से लोग महोत्सव का हिस्सा बनने के लिए आते है। इतिहासकार डॉ एलसीअनुरागी का कहना है कि सन 1182 में राजा परमाल की बेटी चंद्रावल अपनी सखियों के साथ भुजरियों का विसर्जन करने के लिए कीरत सागर गई तो पृथ्वीराज चौहान के सेनापति चामुंडा राय ने हमला बोल दिया और पृथ्वीराज चौहान ने अपने बेटा का विवाह चंद्रावल से करने की इच्छा जाहिर करते हुए बात न मानने पर युद्ध करने का ऐलान किया। चंदेल सेना की ताकत रहे वीर आल्हा ऊदल के बिना जीत संभव नहीं थी। राजकुमारी चंद्रावल ने युद्ध किया और आल्हा और ऊदल को पत्र भेजकर मातृ भूमि की रक्षा करने की गुहार लगाई जिस पर वीर आल्हा ऊदल साधु के वेश में आए और युद्ध में दिल्ली नरेश को मुंह की खानी पड़ी। जीत के बाद से वीरता की याद में यह महोत्सव आयोजित कराया जाता है।
मेला का निरीक्षण कर तैयारियों को परखा
महोबा। कजली महोत्सव की तैयारियों को लेकर प्रशासन पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटा है।शोभा यात्रा नगर पालिका के द्वारा निकाली जाती है। मंगलवार को दोपहर के बाद हवेली दरवाजा से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। बारिश ने मेला की तैयारियों में खलल डाली मगर अधिकारी मुश्तैदी से डटे हुए है। एसडीएम सदर जितेंद्र सिंह ने नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी अवधेश कुमार के साथ मेला का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए है।शोभा यात्रा में हाथी घोड़ा, ऊंट के साथ सैकड़ा भर से अधिक झाकियां शामिल होगी इसके साथ ही बुंदेली विधाओं पर कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। मेला में दूर दराज से आए दुकानदारों ने दुकानें सजा ली है। बच्चों के मनोरंजन के लिए खेल तमाशा, झूला, जादू आदि लगाए गए है।
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