दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोई ....
सहस्त्र गोवर्धननाथ जू महाराज मेला प्रांगण में श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को कथा वाचक ने कथा का रसपान...
सहस्त्र गोवर्धननाथ जू महाराज मेला प्रांगण में श्रीमदभागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को कथा वाचक ने कथा का रसपान कराया।
दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करें न कोई, जो सुख में सुमिरन करे तो विपद काहे को होय भजन सुनाकर कथा वाचक ने सभी को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। कथा सुनने को महिला भक्तों की खासी भीड़ जुटी रही।
कथा वाचक राजन महाराज ने भगवद स्वरूप चिंतन कराते हुए गोपा अष्टमी गोचरण लीला का विशेष वर्णन व स्वामी बल्लभाचार्य द्वारा रचित मधुराष्टकम का मधुर स्वर से गायन के साथ कथा का मंगलाचरण किया। इसके बाद महान से महान सोनक सहित 88 हजार ऋषियों का सत्संग में नैमिषारण्य भूमि पर निरंतर अनवरत रुप से चलता रहता है। उनके माध्य में सूत महाराज का आगमन हुआ जिनसे ऋषियों ने 6 मार्मिक प्रश्न पूंछे। उत्तर स्वरूप सूत ने उन 88 हजार ऋषियों को श्रीमद भागवत कथा की कथा सुनाना प्रारंभ किया। कथा श्रवण की विधि वक्ता और श्रोता मैं क्या गुण होना चाहिए वह कथा के अधिकारी अना अधिकारी कौन है परम पूज्य ने समझाया। महात्मय की कथा के बाद प्रथम स्कंध की कथा में प्रवेश करते हुए व्यास महाराज ने कुंती स्तुति, भीष्मा स्तुति के माध्यम से प्रभु के चरणों में निवेदन किया। इस मौके पर चेयरमैन मूलचन्द्र अनुरागी, शिवकुमार गोस्वामी, पूर्व डीएसपी रविन्द्र प्रसाद पाठक, मुकेश गुप्ता, नरेन्द्र श्रीवास्तव आदि रहे।