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तीन करोड़ खर्च, नहीं बना लड़कियों का हॉस्टल

लालगंज व मड़िहान क्षेत्र में जरूरतमंद छात्राओं के लिए बन रहा छात्रावास लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च के बावजूद पूरा नहीं हो सका। इससे बच्चियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा...

तीन करोड़ खर्च, नहीं बना लड़कियों का हॉस्टल
हिन्दुस्तान टीम,मिर्जापुरTue, 24 Dec 2019 12:55 AM
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लालगंज व मड़िहान क्षेत्र में जरूरतमंद छात्राओं के लिए बन रहा छात्रावास लगभग तीन करोड़ रुपये खर्च के बावजूद पूरा नहीं हो सका। इससे बच्चियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तय समय सीमा बीते डेढ़ साल हो चुका है। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीआरएनएसस) अभी तक हॉस्टल हैंडओवर नहीं कर सकी है। जिला प्रशासन के कार्यदायी संस्था पर दबाव बनाने का भी कोई असर नहीं हुआ। और तो और, उसे 20 महीने पहले ही अंतिम किश्त का भुगतान किया जा चुका है।शासन की योजना के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र की अत्यंत गरीब परिवारों की बालिकाओं का सरकारी छात्रावास में रह कर 12वीं क्लास तक निशुल्क शिक्षा दिलाने के लिए मंशा के तहत छात्रावास की व्यवस्था की गई है। इसके तहत 100 छात्राओं के लिए लगभग 170.25 लाख रुपये की लागत से गर्ल्स हास्टल की नींव रखने की शुरुआत वर्ष 2015-16 में हुई। शासन की ओर से नामित कार्यदायी संस्था यूपी आरएनएसएस को निर्माण का जिम्मेदारी सौंपी गई। शासन के अनुबंध के मुताबिक एक साल बाद ही छात्रावास भवन को तैयार किया जाना था। बीच में शासन की ओर से धनराशि जारी करने में हुई देरी की गई। भुगतान के बावजूद भवन अभी शिक्षा विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया।केजीवी परिसर में बन रहा छात्रावासलालगंज के दुबारकला एवं मड़िहान ब्लाक के कस्तूरबा गांधी अवासीय बालिका विद्यालय परिसर में बालिका छात्रावास निर्माणाधीन है। ताकि भविष्य में केजीबी को अपग्रेड कर बालिकाओं को सरकार की ओर से 12वीं तक की निशुल्क शिक्षा दिलाई जा सके।पांच प्रतिशत रोका गया भुगतानराष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के वित्त एवं लेखाधिकारी संतोष तिवारी ने बतायाकि नियमानुसार केवल पांच प्रतिशत भुगता रोका गया है। यह हस्तांतरण के बाद भवन के निरीक्षण के बाद दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था प्रमुख से बार-बार आग्रह के बाद भी हस्तांतरण की प्रकिया टलती जा रही है।

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