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राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है हिन्दी

हिन्दी दिवस पर जिले के जिले के शिक्षण संस्थाओं,समाजिक संगठनों की ओर से विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए। विद्यालयों में आयोजित गोष्ठी में गुरुजनों ने हिन्दी की महत्ता पर प्रकाश डाला। वाद-विवाद...

राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा है हिन्दी
मिर्जापुर। निज संवाददाताThu, 14 Sep 2017 09:01 PM
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हिन्दी दिवस पर जिले के जिले के शिक्षण संस्थाओं,समाजिक संगठनों की ओर से विविध कार्यक्रम आयोजित किये गए। विद्यालयों में आयोजित गोष्ठी में गुरुजनों ने हिन्दी की महत्ता पर प्रकाश डाला। वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण और लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित की गयीं। नगर के आवास विकास कालोनी स्थित गुरुनानक इंका में भषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी। हिन्दी से ही राष्ट्रभाषा का विकास संभव है प्रतियोगिता में 46 बच्चों ने भाग लिया। शिवम द्विवेदी प्रथम, छवि गुप्त द्वितीय और मधु दुबे तृतीय स्थान पर रहे। इसके अलावा पालक द्विवेदी, ईशा मिश्र, ज्योति अग्रवाल, निष्कर्ष त्रिपाठी, सत्यम त्रिपाठी को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। संचालन प्रधानाचार्य पूर्णिमा द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम का समापन अध्यक्ष जसवंत सिंह सरना,जगजीत सिंह डंग ने किया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

जुबिली इंटर कालेज में आयोजित गोष्ठी में हिन्दी के प्रवक्ता राजेंद्र तिवारी ने कहा कि हिन्दी ऐसी भाषा है जिसमें समूचे राष्ट्र को एकसूत्र पिरोने का सामर्थ्य है। राजेश श्रीवास्तव और बेबी दुबे ने विचार व्यक्त किया। अध्यक्षता प्रधानाचार्य निजामुद्दीन ने किया। सिटी ब्लाक के विजयपुरा स्थित डा. सरला सराफ पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गए। बच्चों को देवनागरी लिपिक की जानकारी दी गयी। साथ ही बच्चों के बीच कविता, कहानी, निबंध और प्रश्नोत्तरी वर्ग में प्रतियोगिता आयोजित की गयी। हिन्दी भाषा से जुड़े स्वर-अक्षर के पोस्टर भी लगाये गए। विद्यालय के चेयरमैन दिनेशचंद सराफ, डायरेक्टर आयुष सराफ और प्रधानाध्यापिका आस्था सराफ ने हिन्दी भाषा से जुड़ी रोचक जानकारी बच्चों को दी। पड़री संवाददाता के अनुसार पैड़ापुर स्थित स्वामी गोविंदाश्रम इंटर कालेज, किड्स इंटर नेशनल स्कूल, महुअरिया स्थित जीआईसी, एमपीएमबी, बीएलजे, शिव इंटर कालेज, आर्यकन्या पाठशाला सहित कई अन्य कालेजों में हिन्दी दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गये।  

सामाजिक विकास व संस्कृति की वाहक है हिन्दी 
इंदिरा गांधी पीजी कालेज हिन्दी दिवस पर संस्कृति निर्माण और हिन्दी विषयक गोष्ठी हुई। इसमें वक्ताओं ने कहा कि समाज का विकास संस्कृति के बिना संभव नहीं है। भक्ति काल में संस्कृति निर्माण का गुरुतर दायित्व हिन्दी ने संभालना शुरू कर दिया। इससे इसकी व्यापकता बढ़ती गई। धीरे-धीरे इसने ग्लोबल व वैज्ञानिक भाषा का रूप ले लिया। हिन्दी संघर्ष की भाषा बनी हुई । वह अपनी राह स्वयं चल रही है। अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डा. रामलोचन ने कहा कि 1949 में हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया । आजादी के बाद राष्ट्र एकता को गतिशील किया गया। कहा संस्कृति एक जीवन पद्धति है।संस्कृति विभाग के डा. हेरम्ब पांडे ने कहा कि भक्ति काल से ही हिंदी ने संस्कृति निर्माण का दायित्व पूरा कर रही है गोस्वामी तुलसीदास ने हिंदी को वैज्ञानिक स्वरूप दिया। समाजशास्त्र विभाग के अखिलेश सिंह ने कहा कि भाषा ने संस्कृति को जोड़ने का काम किया। किसी से जुड़ते हैं तो, समझिए यही संस्कृति है। डा.विंध्याचल यादव ने कहा कि धर्म सुंदर होता है लेकिन रूढि़यां समाज में रूकावट बनती हैं। विषय प्रवर्तन करते हुए डा.हरिओम ने कहा कि हिंदी सभी संस्कृतियों को मिला कर चलने की क्षमता है। इस अवसर पर डा उपेंद्र सिंह, डा नूर फातिमा, राजेंद्र सिंह यादव आदि ने विचार रखे।संचालन डा. गौरव त्रिपाठी ने किया। 

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