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70 गांवों के पशुओं का उपचार वाले पशु अस्पताल की कुर्सियां खाली

जिले के सबसे पिछड़े लालगंज तहसील मुख्यालय पर मौजूद 70 गांवों के पशुओं का उपचार करने वाले पशु अस्पताल की मंगलवार को साढे नौ बजे तक कुर्सियां खाली रहीं। हिन्दुस्तान के कैमरे का फ्लैश चमकता देख आवासीय...

70 गांवों के पशुओं का उपचार वाले पशु अस्पताल की कुर्सियां खाली
लालगंज। हिन्दुस्तान संवादTue, 12 Jun 2018 08:55 PM
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जिले के सबसे पिछड़े लालगंज तहसील मुख्यालय पर मौजूद 70 गांवों के पशुओं का उपचार करने वाले पशु अस्पताल की मंगलवार को साढे नौ बजे तक कुर्सियां खाली रहीं। हिन्दुस्तान के कैमरे का फ्लैश चमकता देख आवासीय परिसर की ओर से एक संविदा कर्मी और एक चालक निकलकर आए और बताए कि पशुओं के न आने से आवासीय परिसर में बैठकर दूसरे कर्मचारियों के साथ पशुओं के टीकाकरण की योजना बना रहे थे। इसलिए अस्पताल की कुर्सियां खाली रहीं।

बरसात का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कतें पशुओं को होती है। पानी, किचड़ के साथ ही उगने वाले हरे चारा को खाने से पशुओं में मुंह पका,खुरपका और गलाघोंटू जैसी सीजनल बीमारियां उत्पन्न होती हैं। ऐसे में पशुपालन विभाग की ओर से पशुओं की सुरक्षा को लेकर चल रही कवायद का सच जब हिन्दुस्तान ने जानने की कोशिश की तो पता चला कि यहां कोई तैयारी नहीं है ना ही इसे लेकर सक्रियता ही दिख रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मंगलवार की सुबह 9.30 बजे देखने को मिला।

हिन्दुस्तान की टीम अस्पताल पर पहुंची सभी दरवाजे खुले थे। पशुओं के उपचार के लिए मिली गाड़ी परिसर में खड़ी थी। अंदर लगी कु र्सियां खाली पड़ी किसी के बैठने का इंतजार करती रहीं। टीम ने जब अस्पताली की खाली कुर्सियों पर कैमरे का फ्लैश चमकाया और अस्पताल की फोटो खींची तो आवासीय परिसर की ओर से वाहन का चालक महेश तिवारी पहुंचे। उन्होंने परिचय पूछा। जानने के बाद बताए कि पशुओं के न आने के कारण वह दूसरे कर्मचारियों के साथ बैठकर टीकाकरण की योजना बना रहे थे। तब तक संविदाकर्मी कमलेश भी पहुंच गया। टीम के पहुंचने के 12 मिनट बाद चतुर्थश्रेणी कर्मचारी विनोद दुबे और शोभाशंकर पहुंचे।

उन्होंने बताया कि पशुओं के न आने से सुबह थोड़ा निश्चिंत रहे। गांव-गांव में टीकाकरण चल रहा है। इसके लिए टीमों को लगाया गया है। वे लोग भी उसी में व्यस्त हैं।पशु चिकित्सालय के प्रभारी डा. ईश्वर देव चतुर्वेदी के बारे में पूछने पर कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ। यहां तक उनका मोबाइन नंबर तक नहीं दिया गया। बाद में किसी तरह चिकित्सा प्रभारी का नंबर लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह घर में शादी पड़ने के कारण एक सप्ताह का अवकाश लेकर आए हैं। अवकाश समाप्त होने पर ड्यूटी पर आ जाएंगे।    

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