गुरुदेव नगर मठ के संचालक को नोटिस जारी
एसडीएम विमल कुमार दुबे ने तहसील क्षेत्र के कलवारी काफी स्थित गुरुदेव नगर मठ के संचालक को नोटिस जारी कर यथास्थित बनाए रखने का निर्देश दिए है। एसडीएम की कार्रवाई से आश्रम के अनुयाइयो में हड़कम्प मच गया...
एसडीएम विमल कुमार दुबे ने तहसील क्षेत्र के कलवारी काफी स्थित गुरुदेव नगर मठ के संचालक को नोटिस जारी कर यथास्थित बनाए रखने का निर्देश दिए है। एसडीएम की कार्रवाई से आश्रम के अनुयाइयो में हड़कम्प मच गया है।तहसील क्षेत्र के कलवारी माफी स्थित गुरदेव नगर में चारागाह की 668 बीघा सुरक्षित जमीन है।
चकबंदी के दौरान कागज पर वन भूमि के नाम था। वन विभाग ने धारा विस के प्रकाशन के समय कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इससे वह जमीन चरागाह के नाम दर्ज कर दी गयी। वन विभाग की लापरवाही का फायदा उठाते हुए सयुंक्त संचालक चकबंदी व गढवाघाट मठ के मठाधीश स्वामी सरकार ने मिलीभगत कर गुरुदेव नगर स्थित चारागाह की 668 बीघे भूमि मठ के नाम परिवर्तित कराके खतौनी में इंदराज करा लिया। इसके बाद वन विभाग अपनी जमीन होने का दावा ठोका तो राजस्व विभाग ने कई बार सीमांकन किया लेकिन नतीजा शून्य रहा।
आरोप हे कि मठ के दबाव के कारण आधा अधूरा सीमांकन किया जाता था। इसी बीच मठ के संचालक को मौका मिल गया। वह न्यायालय से स्थगन आदेश लेकर 16 वर्ष से खेती कार्य कर रहा है। उम्भा कांड के बाद मठों की जाँच में न्यायालय से जारी स्थगन आदेश के बाद धान की खेती की गई है।इस पर एसडीएम विमल कुमार दुबे जमीन से कब्जा हटाने का आदेश देते हुए मठाधीस के शिष्य को नोटिस की है। इससे आश्रम के लोगों में खलबली मच गई है।