मिर्जापुर निज संवाददाता
जर्जर स्कूल भवनों में असुरक्षा के बीच पढ़ने वाले नौनिहालों के अभिभावकों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। शासन ने सभी जर्जर एवं पुराने स्कूल भवनों को ध्वस्त कर उनके स्थान पर नये स्कूल भवन निर्माण कराने के आदेश दिया है।
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो नये वर्ष के फरवरी महीने के अंत तक नया स्कूल भवन बन कर तैयार भी हो जाएगा। शायद यही वजह है कि शासन ने निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए धन भी जारी कर दी है। 144 स्कूल भवन निर्माण के लिए शासन ने स्कूल वाईज लगभग 17.50 करोड़ की धनराशि भी भेज दी है। ध्वस्त किए जाने वाले विद्यालय भवनों में 125 प्राथमिक एवं 19 पूर्व माध्यमिक विद्यालय भवन शामिल हैं। 11.42 लाख रुपये में प्राथमिक विद्यालय भसन जिनमें दो शिक्षण कक्ष, एक प्रधानाध्यापक कार्यालय,रैम्प निर्माण के साथ ही पूरे विद्यालय भवन की आंतरिक वायरिंग भी करायी जाएगी। इसी प्रकार 18.79 लाख रुपये प्रति स्कूल भवन अपर प्राइमरी के लिए मिला है। अपर प्राइमरी में तीन शिक्षण कक्ष, एक प्रधानाध्यापक कार्यालय, एक विज्ञान कक्ष, बरामदे के साथ इंटरनल वायरिंग भी करायी जाएगी। जिले में 189 पुराने एवं जर्जर स्कूल भवन चिन्हित कि ये गए हैं। पुराने भवनों के मलबे की नीलामी की प्रक्रिया शुरु कर दी गई। यह दिगर है कि खंड शिक्षा अधिकारियों की अरुची के कारण नीलामी की प्रक्रिया सरकार की गति से काफी धीमी चल रही है। इससे समय से शासन के प्राथमिकता वाले कार्य शायद ही पूरा हो पाये।
जमालपुर में सबसे ज्यादा जर्जर भवन
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किये गए जर्जर स्कूल भवनों की सूची में जमालपुर ब्लाक में सबसे ज्यादे 38 स्कूल भवन हैं। हलिया में 21, कोन-16,लालगंज-14, मझवां-22, नरायनपुर व मड़िहान-15-15,पहाड़ी व सिटी-14-14, राजगढ़-25,सीखड़-2 और छानबे ब्लाक में सात विद्यालय भवन जर्जर होने की वजह से निष्प्रयोज्य घोषित किये गए हैं।
बीएसए सिटी गौतम कुमार ने कहा कि जर्जर स्कूल भवनों के मलबे की नीलामी करने के साथ ही नए स्कूल भवनों के निर्माण की प्रक्रिया गतिमान है। शासन के निर्धारित मानक के अनुसार कार्य को पूरा करने का प्रयास जारी है।