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पतियों की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा करवा चौथ व्रत

जिले में परंपरागत तरीके से रविवार को करवा चौथ मना। महिलाओं ने पतियों की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर चंद्रमा का पूजन अर्चन किया। त्योहार को लेकर पूरे दिन बाजारों में रौनक रही। शहर से गांव तक के बाजाराें...

पतियों की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा करवा चौथ व्रत
मिर्जापुर। निज संवाददाताSun, 08 Oct 2017 09:28 PM
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जिले में परंपरागत तरीके से रविवार को करवा चौथ मना। महिलाओं ने पतियों की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर चंद्रमा का पूजन अर्चन किया। त्योहार को लेकर पूरे दिन बाजारों में रौनक रही। शहर से गांव तक के बाजाराें में महिलाओं ने जाकर पूजन सामग्री की खरीदारी की। शाम होते ही महिलाएं कहीं कहीं इकटठा होकर तो कहीं अपने घरों पर अकेले ही पूजन अर्चन करके त्योहार की महत्ता में चार चांद लगाया। पटाखे और रोशनी के माध्यम से भी लोगों ने त्योहार मनाया।

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी  को महिलाओं ने करवा चौथ का ब्रत कर पूजन किया। रात को चननी की ओट से चांद का दीदार किया। इसके बाद चांद को अर्घ्य अर्पित किया। शाम होते ही महिलाएं चांद के दीदार का बेशब्री से इंतजार करतीं रहीं।  पतिदेव के लिए महिलाओं ने दिनभर निराजल ब्रत रखा। नगर के कटरा बाजीराव, वासलीगंज आदि स्थानों पर सुहागिन महिलाएं नयी साड़ी, चूड़ियां, मेहंदी आदि के साथ श्रृंगार कर छतों पर पूजन  करने के लिए पहुंची और चांद का बेशब्री से इंतजार करने लगीं। 

जैसे ही चांद के दिखा  चननी मिट्टी का दिया दख घी की बाती जला चांद का दीदार किया। इसके बाद करवा में अर्घ्य दिया। इसके बार बारी-बारी से भगवान गणेश, शिव पार्वती, कार्तिकेय आदि का पूजन किया गया।

पौराणीक मान्यताओं के अनुसार  सबसे पहले यह ब्रत माता पार्वती ने अपने सुहाग भगवान शिव की लंबी उम्र के लिए  किया था। इसके बाद भय से ग्रसित द्रौपदी को भगवान कृष्ण ने करवा चौथ का ब्रत रखने की सलाह दी थी। मान्यता यह भी है कि सुहागिनों  के करवा चौथ पूजन विशेश रूप से फलदायी है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी त्योहार का उत्साह कम नहीं रहा। यहां भी महिलाओं ने विधि विधान से पूजन अर्चन करके त्योहार मनाया। जिन महिलाओं के पति बाहर रहे उन्होंने वीडियो कालिंग करके पति का चननी में दीदार किया। इस तरह से माेबाइल भी त्योहार में अहम रहा।

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