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वित्तमंत्री की घोषणा से उद्योगों को मिलेगी संजीवनी

उद्योग-धंधों और निर्यात कारोबार को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं का जिले के उद्यमियों व निर्यातकों ने स्वागत किया है। कालीन निर्यातकों का कहना है कि...

वित्तमंत्री की घोषणा से उद्योगों को मिलेगी संजीवनी
हिन्दुस्तान टीम,मिर्जापुरSun, 25 Aug 2019 12:14 AM
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उद्योग-धंधों और निर्यात कारोबार को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं का जिले के उद्यमियों व निर्यातकों ने स्वागत किया है। कालीन निर्यातकों का कहना है कि इससे मंदी से गुजर रहे कालीन उद्योग को थोड़ी राहत मिलेगी। वित्तमंत्री को कुटीर उद्योग-धंधों पर विशेष ध्यान देते हुए योजनाएं लागू करना चाहिए। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।कालीन निर्यातक संवर्द्धन परिषद के अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह का कहना है कि वित्तमंत्री ने सही समय पर बेहतर कदम उठाया है। हालांकि तमाम घोषणाएं बड़े औद्योगिक घरानों के लिए हैं लेकिन ब्याज दरों में कमी का लाभ हर स्तर के व्यापारियों को मिलेगा। कुटीर उद्योगों को राहत देने के लिए योजना तैयार करनी होगी। भारतीय कालीन उद्योग हस्तकला से जुड़ा हुआ है। श्रम को सस्ता बनाने के लिए कार्य किया जाए। इससे हम चीन व अन्य देशों से मुकाबला कर पाएंगे। ओबीटी कालीन कम्पनी के निदेशक राजेश मिश्र का कहना है कि वित्तमंत्री की योजनाओं से सभी उद्योगों को लाभ मिलेगा। टैक्स में छूट देने से मंदी का दौर समाप्त होगा। उद्योग-धंधों को राहत मिलेगी। कालीन निर्यातक मोहम्मद परवेज खान का कहना है कि लेबर कानून को सरल बनाए जाने से कालीन उद्योग को सर्वाधिक लाभ होगा। इससे उत्पादन में वृद्धि होगी और निर्यात भी बढ़ेगा। कालीन उद्योग पूरी तरह मानव श्रम पर आधारित है। मानव श्रम के नियमों को इतना अधिक कठोर कर दिया गया है कि इस उद्योग से जुड़े लोगों को कार्य कराने में काफी दिक्कतें आ रही है। इसके अलावा ब्याज दरों में कमी के साथ ही कालीन उद्योग पर ड्रा बैक(एसेंटिव) को पूर्व की तरह दस से 11 प्रतिशत कर दिया जाए। अभी मात्र दो से तीन फीसदी है।

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