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रिमझिम बरसात से झूमा मन और झूमे लोग

विंध्य नगरी में मानसून के दस्तक देने के बाद लगातार तीन दिन से हो रही रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। रविवार को थम-थम कर हुई बरसात से मन-मिजाज झूमने के साथ ही पूरा जहां झूम...

 रिमझिम बरसात से झूमा मन और झूमे लोग
हिन्दुस्तान टीम,मिर्जापुरMon, 08 Jul 2019 12:41 AM
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विंध्य नगरी में मानसून के दस्तक देने के बाद लगातार तीन दिन से हो रही रिमझिम बारिश से मौसम सुहाना हो गया। रविवार को थम-थम कर हुई बरसात से मन-मिजाज झूमने के साथ ही पूरा जहां झूम उठा। बारिश से लोगों को उमसभरी गर्मी से भी राहत मिली। बारिश की हल्की फुहारों के बीच बही ठंडी बयार ने सुबह काफी सुहाना रहा। ठंडी हवा में लोग नगर के प्रमुख पार्को में टहलते नजर आए। मौसम का मिजाज बदला तो किसानों की खुशी बढ़ गई। खेतों में बारिश का पानी जमा होते ही किसानों का कुनबा धान की रोपाई में जुट गया। आसमान में बादलों की घेरेबंदी, हल्की बूंदाबांदी संग बह रही ठंडी हवा के बीच किसान धान की रोपाई करते नजर आए। उधर, बारिश से सड़क किनारे रहने वालों की दिक्कतें काफी बढ़ गई है। क्षतिग्रस्त सड़कों पर बरसात का पानी जमा हो गया है जिससे आवागमन में राहगीरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। गड्डायुक्त सड़कों पर जमा दूषित पानी में गिरकर घायल होना बाइक व साइकिल सवारों की मजबूरी बन चुकी है। सीवान में गूंजने लगी ट्रैक्टरों की आवाज मौसम परिवर्तित देख किसान सिर पर पगड़ी बांध व कंधे पर फावड़ा लेकर सीवान की तरफ बढ़ने लगे। धान की रोपाई संग कृषक मेड़बंदी आदि का काम कर रहे हैं। सूख रही धान की नर्सरी को भी बरसात से संजीवनी मिल गयी। सीवान में ट्रैक्टरों की आवाज सुनाई दे रही है। किसानों का परिवार इन दिनों कृषि कार्य में जी-जान से लगा हुआ है। इतना बरसात नहीं हुआ है कि खेत जलमग्न हो जाएं लेकिन इस बारिश से किसानों ने राहत की सांस जरूर ली है। मौसम साफ होते ही मक्का, अरहर की करें बोआई बरकछा में बीएचयू के साउथ कैंपस के कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रो. श्रीराम सिंह ने बताया कि किसानों की पहली प्राथमिकता धान की रोपाई करें। मौसम साफ होते ही मक्का, अरहर, ज्वार व बाजरा की बोआई कर लें ताकि बारिश होने पर कोई असर न पड़े। मक्का की बोआई मेड़ों पर करने से बारिश का असर नहीं पड़ेगा। निचले क्षेत्रों में मक्का की बोआई छिड़काव की विधि से करें, ताकि बरसात के पानी का प्रभाव जमाव को प्रभावित न कर सके। बरसात से खेतों की जुताई हुई आसान बारिश ने मौसम का मिजाज बदल दिया और धान की नर्सरी को काफी फायदा हुआ है, लेकिन लगातार बारिश होती रही तो बोए गए मक्का की फसल को नुकसान पहुंच सकता है। किसान विजय शंकर मिश्र, धर्मेंद्र पाठक, लालजी चैबे, बब्बू पांडेय, रामधारी गुप्ता, अमृतलाल व संतलाल आदि ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि इस बारिश से खेतों की जुताई का मार्ग प्रशस्त तो हुआ है पर नर्सरी तैयार होने के बाद खेतों में भरपूर पानी की जरूरत होगी। खुशनुमा मौसम में बच्चों की मौज रिमझिम बारिश में बच्चों ने खूब मौज-मस्ती की। आंगन में व छतों पर चढ़े बच्चों ने ठंडी हवा के बीच बरसात का भरपूर आनंद उठाया। बड़े-बुजुर्ग भी बरामदा में अड्डा जमाए खुशनुमा मौसम में गर्मी से राहत महसूस करते रहे। इन दिनों की बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी व तीखी धूप से राहत मिली है।

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