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कोन व सीखड़ में बाढ़ में डूबीं फसलें

कोन और सीखड़ ब्लाक के कई गांवों में फसलें गंगा के बाढ़ में डूब गयीं। पानी सिवान तक पहुंचने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है। इसे लेकर प्रशासन सतर्क...

 कोन व सीखड़ में बाढ़ में डूबीं फसलें
हिन्दुस्तान टीम,मिर्जापुरWed, 21 Aug 2019 12:31 AM
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कोन और सीखड़ ब्लाक के कई गांवों में फसलें गंगा के बाढ़ में डूब गयीं। पानी सिवान तक पहुंचने से लोगों की चिंता बढ़ गयी है। इसे लेकर प्रशासन सतर्क है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक मंगलवार को तीन बजे गंगा का जलस्तर 75.490 मीटर रिकार्ड किया गया। यह जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 2.254 मीटर नीचे है। मंगलवार दिन में तीन बजे से गंगा जलस्तर में वृद्धि बहुत धीमी हो गयी। वृद्धि दर एक सेमी प्रति घंटा रिकॉर्ड की गयी। जिले में सोमवार को 12 सेमी प्रति घंटा की दर से गंगा बढ़ रही थीं। मंगलवार दिन में तीन बजे के बाद यह बहुत धीमी हो गयी। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक गंगा जलस्तर मात्र एक सेमी प्रति घंटा की दर से बढ़ रही है। गंगा का पानी कोन और सीखड़ ब्लाक के कई गांवों के सिवान में पानी पहुंचने से हजारों बीघे खरीफ की फसल डूब गयी। सीखड़ ब्लाक के विभिन्न गांवों में मूंगफली, मक्का और मिर्च की फसल डूबने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है।कोन ब्लाक के विभिन्न गांवों में ज्वार, बाजरा, तिल, उड़द और सब्जी के खेत में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे किसानों को नुकसान हुआ। हालांकि गंगा जलस्तर में वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ने पर जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लेखपालों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। डीएम अनुराग पटेल ने हिदायत दी है कि लेखपाल 24 घंटे बाढ़ चौकियों पर मौजूद रहे। छानबे में देवरी गांव तीन तरफ पानी से घिरा मिर्जापुर। जिगना गंगा व कर्णावती नदी के जलस्तर लगातार वृद्धि से तटवर्ती ग्रामों में सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूब गयी। गंगा की सहायक नदी कर्णावती में अब उलटी धारा बहने से मुहाने पर बने मकानों में पानी भर गया है। अकोढ़ी ग्राम मे मिर्जापुर- प्रयागराज मार्ग के किनारे मकान पानी में डूब गए हैं। घर-गृहस्थी का सामान समेट कर लोग मकान की छत पर शरण लिए हैं। देवरी ग्राम तीन तरफ से नदी के पानी से घिर गया है। प्रधान राजीव सिंह ने बताया कि गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ेगा। महड़ौरा ग्राम की दलित बस्ती के मुहाने पर नदी का पानी हिलोरें ले रहा है। भटेवरा कठवइयां अतरैला धौरहरा विजयपुर कोलाही बौड़ई बघेड़ा ग्रामों मे सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। गंगा की तराई डूबने से तटवर्ती 32 ग्रामों मे ज्वार बाजरा अरहर तिल ऊड़द मूंग की पौध के ऊपर पानी बह रहा है। कछवां में बस्ती की ओर चली गंगा कछवां। गंगा का पानी यहां बस्ती की ओर बढ़ रहा है। इससे लोगों की चिंता भी बढ़ने लगी है। केवटाबीर से विद्यापुर (बिदापुर) तक के लोग गंगा के बाढ़ को लेकर चिंतित हैं। बरैनी-भटौली पक्का पुल के पास बोल्डर पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे लोगों को थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने हटाया। पुल पर सेल्फी लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी। ग्रामीणों ने बताया कि बरैनी गांव के सामने गंगा की रेती पर सरपत का झुरमुट के पास लगभग 200 गाय फंस गयी हैं। गंगा के मध्य में रेत का टीला है। वह अभी पानी में नहीं डूबा है। उसी टीले पर लगभग दो सौ गाय फंसी हुई हैं। इनमें केवटाबीर, बरैनी, अगियाबीर आदि गांवों के चरवाहों की गायें हैं। अंत्येष्टिस्थल डूबने से शवदाह करने में दिक्कत चील्ह। कोन ब्लाक में गंगा किनारे स्थित विभिन्न गांवों की फसलों के साथ मंदिरों व अंत्येष्टिस्थल भी बाढ़ के पानी में डूब गया है। इससे शवदाह करने में भी दिक्कत हो रही है। गंगा जलस्तर बढ़ने से भटेवरा, दलापट्टी, गड़गेड़ी, कमासिन, गहिया, कोल्हुआ, रामपुर, बल्लीपरवॉ, चेकसारी, हरसिंहपुर, मल्लेपुर, तिलठी, मिश्रधाप, श्रीपट्टी, मवैया, जगदीशपुर, लखनपुर, मझिगवां, पुरानेबाड़ा, चील्ह, मलाधरपुर में कोहड़ा, लौकी, तर्रोइ, नेनुआ, करैला, बैगन, मकाई, ज्वार, बाजरा, अरहर आदि फसलें डूब गयी हैं। पुरानेबाड़ा में गंगा तट पर अंत्येष्टिस्थल डूबने से शवदाह करने वालों को भारी दिक्कत हो रही है।

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