वैदिक संस्कृति का प्रतीक है यज्ञोपवीत: आचार्य कपिल
आर्य समाज सलावा के तत्वावधान में रविवार को यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हुआ। महर्षि दयानन्द आर्ष कन्या गुरुकुल के संस्थापक आचार्य डॉ. कपिल मलिक ने 21...
सरधना। संवाददाता
आर्य समाज सलावा के तत्वावधान में रविवार को यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हुआ। महर्षि दयानन्द आर्ष कन्या गुरुकुल के संस्थापक आचार्य डॉ. कपिल मलिक ने 21 युवाओं को यज्ञोपवीत प्रदान कर उसके महत्व पर प्रकाश डाला।
आचार्य श्री ने युवाओं से कहा कि यज्ञोपवीत वैदिक संस्कृति का प्रतीक है जो हमें संस्कारित करके हमारे जीवन को पवित्र बनाता है। उन्होंने कहा कि यज्ञोपवीत मनुष्य को तीन प्रकार के दायित्व का निवर्हन करने का संदेश देता है। प्रथम ईश्वर का ध्यान करना, द्वितीय मातृ-पितृ भक्त बनना और तृतीय गुरुभक्त बनना। ये तीनों ही जीवन को महान बनाते हैं इसलिए मनुष्य को यज्ञोपवीत धारण करके जीवन को पवित्र बनाते हुए लोकहित और परहित के कार्य करते रहने चाहिए। क्षेत्रीय समिति अध्यक्ष आर्य वेदराम कुशावली ने भी युवाओं को वैदिक संस्कृति की ओर प्रेरित करने का उद्बोधन किया। कार्यक्रम में आर्य समाज सलावा के मंत्री विजय पाल आर्य, कोषाध्यक्ष हरी किशन सिंह, विदेश चंद, प्रीतम सिंह, सागर आर्य, जगमाल आर्य, इंद्रपाल सिंह, अमित सोम, सरवन सोम, अतुल आर्य, शुभम आर्य आदि रहे।
