जेलों में बंदियों का दबाव तीन साल में दूर करेंगे : डीजी
पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अगले तीन साल के भीतर उप्र की जेलों में बंदियों का दबाव कम करेंगे। अगले तीन महीने में चार नई जेल शुरू हो जाएंगी। वेस्ट यूपी में चार और नई...
पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अगले तीन साल के भीतर उप्र की जेलों में बंदियों का दबाव कम करेंगे। अगले तीन माह में चार नई जेल शुरू हो जाएंगी। वेस्ट यूपी में चार और नई जेलें बनने का काम तेजी से जारी है।
मेरठ में जेल रेडियो और विजिटर शेड का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजी आनंद कुमार ने कहा कि उप्र की जेलों में 60 हजार क्षमता के सापेक्ष एक लाख 5 हजार कैदी बंद हैं। मेरठ जेल में 1800 की क्षमता के सापेक्ष 2500 बंदी हैं। जेलों का बोझ कम करने के लिए नई जेलों का निर्माण कराया जा रहा है। बरेली जिला जेल को सेंट्रल जेल घोषित किया जा चुका है। श्रावस्ती, संत कबीरनगर, हाथरस, इटावा में नई जेल बनने का काम अंतिम चरण में है। अंबेडकरनगर में जेल का हाल ही में लोकार्पण हुआ है।
डीजी ने कहा कि अगले तीन माह में हम पुरानी जेलों से करीब साढ़े चौदह हजार बंदियों का बोझ कम करके उन्हें नई जेलों में शिफ्ट कर देंगे। उन्होंने कहा कि सहारनपुर जेल की बिल्डिंग बेहद पुरानी है, इसलिए पुरातत्व विभाग ने उस पर दावा कर दिया है। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और हापुड़ में नई जेलों के जमीन देख ली गई हैं, जबकि शामली में जमीन देखी जा रही है।