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साप्ताहिक बंदी: आदेश को लेकर असमंजस

शनिवार को नगर में साप्ताहिक बंदी रही। इस बंदी की घोषणा देर रात की गई। किसी को इसकी जानकारी हुई तो कोई असमंजस की स्थिति में रहा। अचानक किए गए साप्ताहिक बंदी के मौखिक आदेश ने कई लोगों को भारी नुकसान भी...

साप्ताहिक बंदी: आदेश को लेकर असमंजस
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 14 Jun 2020 02:01 AM
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शनिवार को नगर में साप्ताहिक बंदी रही। इस बंदी की घोषणा देर रात की गई। किसी को इसकी जानकारी हुई तो कोई असमंजस की स्थिति में रहा। अचानक किए गए साप्ताहिक बंदी के मौखिक आदेश ने कई लोगों को भारी नुकसान भी पहुंचाया। बड़े दुकानदारों ने तो अपनी दुकानें बंद कर ली, लेकिन जिन लोगों ने रात में रेहड़ी और ठेली पर सामान बेचने के लिए तैयार किया उन्हें इस बंदी से भारी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं कुछ लोगों को पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी।

बतादें कि इस समय सरधना में सभी बाजार खुले हुए हैं। पुराने रोस्टर के अनुसार सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक दुकानें खोली जा रही है। लेफ्ट-राइट वाला रोस्टर अभी तैयार नहीं हुआ है। तैयार होने के शायद वह लागू हो जाए। फिलहाल शनिवार को अचानक एसडीएम अमित कुमार भारतीय द्वारा साप्ताहिक बंदी की घोषणा कर दी गई। यह घोषणा देर रात करीब 10 बजे वाट्सऐप ग्रुप पर की गई। लिखित में एसडीएम ने कोई आदेश जारी नहीं किया। एक ग्रुप पर एसडीएम ने कुछ व्यापार मंडल के पदाधिकरियों से साप्ताहिक बंदी को लेकर सुझाव मांगा और फिर यहीं बंदी की घोषणा कर दी। इस बात से अधिक्तर लोग अंजान ही दिखे। सभी ने अगले दिन दुकान व होटल खोलने की तैयारी कर ली। सुबह में दुकानें खुली तो व्यापारी नेताओं ने साप्ताहिक बंदी की जानकारी देकर दुकानें बंद करानी शुरू कर दी। बड़े दुकानदारों ने तो बाजार बंद कर दिया, लेकिन जो लोग रेड़ी व ठेली पर खाने पीने का सामान बनाकर बेचते हैं उन्हें इससे मायूसी हाथ लगी। अचानक की गई इस साप्ताहिक बंदी का लोगों ने विरोध भी जताया है। लोगों का कहना है कि यदि साप्ताहिक बंदी ही करनी थी तो दिन में उसका आदेश जारी करना चाहिए था।

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