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मंदिर सेवक कांतिप्रसाद की मौत पर बवाल, शव रखकर लगाया जाम

मेरठ। मुख्य संवाददाता

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हिन्दुस्तान टीम,मेरठWed, 15 Jul 2020 11:21 AM
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भावनपुर थानाक्षेत्र के अब्दुल्लापुर में भगवा गमछा पहनने और तिलक लगाने को लेकर कांति प्रसाद की पिटाई की गई थी। उपचार के दौरान मंगलवार को उनकी मौत हो गई थी। पुलिस पर हिस्ट्रीशीटर के इशारे पर आरोपियों को बचाने को लेकर लोगों में आक्रोश फैल गया।

बुधवार की सुबह परिजनों ने शव सड़क पर रखकर मेरठ-किला मार्ग को जाम कर दिया। इस दौरान कई घंटे जमकर हंगामा किया गया। एसओ भावनपुर को तुरंत सस्पेंड करने और आरोपियों समेत उनकी मदद करने वाले हिस्ट्रीशीटर नदीम की गिरफ्तारी की मांग की गई। इस दौरान लोगों ने आरोप लगाते हुए नदीम मेवाती को भावनपुर का विकास दुबे बताया। यही नहीं थानाध्यक्ष को नदीम मेवाती का मुखबिर की तरह काम करने का भी आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि पुलिस नदीम को शह देने का काम कर रही है। दोनों की कॉल डिटेल खाली जाने की मांग की गई। इस दौरान करीब काफी देर तक हंगामा चलता रहा। परिजनों को 25 लाख के मुआवजे की मांग भी उठाई। सीओ और एसडीएम समेत कई थानों की फोर्स ने अब्दुल्लापुर में डेरा डाल दिया। इस दौरान पुलिस के खिलाफ लोगों में गुस्सा देख डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जाती रही।

इस दौरान एसपी देहात किसी बात पर भाजपा नेता के कान में कुछ बात करने लगे तो इस पर भी लोगों का गुस्सा भड़क गया। एसपी देहात और लोगों में खूब बहस हुई। बाद में भाजपा विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल भी अब्दुल्लापुर पहुंचे। काफी देर तक हंगामे के बाद नेताओं और अधिकारियों के कार्रवाई के आश्वासन पर आखिर लोग माने और शव को सड़क से उठाने दिया गया।

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