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UP: कॉपी बदल बने 600 से ज्यादा फर्जी डॉक्टर, लाखों रुपए वसूलता था गैंग

एमबीबीएस की कॉपियां बदलने का खेल वर्ष 2014 से चल रहा था। चार सत्र की परीक्षाओं के दौरान अब तक कई सौ कॉपियां बदली गईं। एसटीएफ का दावा है कि इस दौरान तकरीबन 600 से ज्यादा छात्र फर्जी ढंग से पास होकर...

UP: कॉपी बदल बने 600 से ज्यादा फर्जी डॉक्टर, लाखों रुपए वसूलता था गैंग
मेरठ। सचिन गुप्ताSun, 18 Mar 2018 06:55 AM
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एमबीबीएस की कॉपियां बदलने का खेल वर्ष 2014 से चल रहा था। चार सत्र की परीक्षाओं के दौरान अब तक कई सौ कॉपियां बदली गईं। एसटीएफ का दावा है कि इस दौरान तकरीबन 600 से ज्यादा छात्र फर्जी ढंग से पास होकर डॉक्टर बन गए। इस खेल से कौन-कौन छात्र पासआउट हुए, वह अब कहां-कहां डॉक्टर बने बैठे हैं, उन सब पर जांच बैठा दी गई है।

एसटीएफ आईजी अमिताभ यश के मुताबिक, बिजनौर के शाहपुर का कविराज चारों अभियुक्तों का मुख्य सरगना है। वह वर्ष 2014 से उत्तर पुस्तिकाओं को बदलवा रहा है। हर साल यह गैंग 150 से 200 छात्रों की विभिन्न पेपरों की कॉपियों को बदलवा देता है। एक कॉपी बदलवाने के बदले एक छात्र से डेढ़ लाख रुपये तक वसूले जाते हैं। इस प्रकार यह गैंग अब तक चार करोड़ रुपये से ज्यादा के वारे-न्यारे कर चुका है। गैंग ने यह भी कुबूला है कि सीसीएस यूनिवर्सिटी से जुड़े डिग्री कॉलेजों में विभिन्न परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं छात्रों से 10 से 20 हजार रुपये लेकर बदलवाई गई हैं। आईजी ने बताया कि एमबीबीएस के जो छात्र पढ़ाई में कमजोर होते थे, वह पास होने के लिए मोटी रकम खर्च करने को तैयार हो जाते थे। आईजी के मुताबिक, वर्ष 2014, 2015, 2016 और 2017 में छह सौ से ज्यादा गैर मेधावी छात्र इस गोरखधंधे के जरिये पासआउट होकर डॉक्टर भी बन चुके हैं। पता लगाया जा रहा है कि किन कॉलेजों में किस-किस छात्र की कॉपियां बदली गईं। इसके बाद इन पासआउट छात्रों को भी साजिश का आरोपी बनाया जाएगा।

मेरठ से हरियाणा तक फैला है जाल
एसटीएफ आईजी अमिताभ यश ने बताया, विवि के कर्मचारी सादा कॉपियों को कविराज को मुहैया कराते थे। कविराज के संपर्क हरियाणा के संदीप से हैं जो एक दूसरे गैंग से जुड़ा है। संदीप की बेटी मुजफ्फरनगर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा है। संदीप की बेटी ने अपने सहपाठियों को इस गिरोह में जोड़ रखा था। इन छात्रों को सादा कॉपी लिखने के बदले मोटी रकम मिलती थी। अभी हरियाणा का संदीप फरार है, उसकी तलाश की जा रही है। आईजी ने बताया कि मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के छात्रों पर भी जांच बैठा दी गई है। रुपये लेकर एमबीबीएस की कॉपी लिखने वाले छात्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

पांच कॉलेजों में 1300 छात्र दे रहे परीक्षा
चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से पांच मेडिकल कॉलेज संबद्ध हैं। इनमें दो सरकारी और तीन प्राइवेट कॉलेज हैं। 12 फरवरी से चल रहीं एमबीबीएस की परीक्षाओं में करीब 1300 छात्र बैठ रहे हैं। एसटीएफ मान रही है कि सभी कॉलेजों की कॉपियों को बदलने का खेल हुआ है।

कॉपियां बदलने में सीसीएसयू के तीन कर्मी गिरफ्तार
एसटीएफ ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एमबीबीएस, लॉ और अन्य परीक्षाओं की कापियों को बदलने के घोटाले में विवि के तीन कर्मचारी ही पूरी तरह से लिप्त थे। इन तीनों कर्मचारियों समेत चार लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि यह पूरा घोटाला मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले की तरह किया गया। इस बात के भी संकेत मिले हैं कि गोरखधंधे में लिप्त लोगों के तार लखनऊ से भी जुड़े हो सकते हैं। इसको देखते हुए लखनऊ की टीम को भी सतर्क कर दिया गया है। 

आईजी अमिताभ यश के मुताबिक विश्वविद्यालय कर्मचारी संदीप 10 हजार रुपये में एक खाली कॉपी स्टोर विभाग से निकालकर कविराज को बेचता था। कविराज ये कॉपियां गैंग के फरार सदस्य संदीप निवासी हरियाणा को लिखने के लिए देता था। इसी संदीप की बेटी मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की छात्रा है। वह अपने सहपाठी छात्रों से इन कॉपियों को लिखवाती थी, जिसके बाद ये कॉपियां पुन: कविराज के पास आती थीं। 

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