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एडमिशन से बाहर हो जाएंगे यूपी बोर्ड के छात्र

चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी में बोर्ड का कोटा खत्‍म कर सभी छात्रों के लिए केवल कॉमन मेरिट बनाने की नीति से मेरठ-सहारनपुर मंडल में यूपी बोर्ड के छात्र एडमिशन की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। 66 एडेड-राजकीय...

एडमिशन से बाहर हो जाएंगे यूपी बोर्ड के छात्र
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 05 May 2018 01:52 AM
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चौ.चरण सिंह यूनिवर्सिटी में बोर्ड का कोटा खत्म कर सभी छात्रों के लिए केवल कॉमन मेरिट बनाने की नीति से मेरठ-सहारनपुर मंडल में यूपी बोर्ड के छात्र एडमिशन की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। 66 एडेड-राजकीय कॉलेजों की 40 हजार स्नातक प्रथम वर्ष की सीटों पर केवल सीबीएसई-आईएससी के स्टूडेंट की मेरिट में रहेंगे। यूपी बोर्ड में प्रथम श्रेणी पाने वाले छात्रों का नाम पहली दो मेरिट में आना असंभव होगा। सेकेंड और थर्ड डिविजन के छात्रों की प्रवेश की उम्मीद ही खत्म हो जाएगी। कुल मिलाकर यूनिवर्सिटी की इस नीति का सीधा असर यूपी बोर्ड में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के छात्रों को प्रभावित करेगा।

यूनिवर्सिटी ने बीते वर्षों से जारी यूपी बोर्ड और अन्य बोर्ड की 50-50 फीसदी सीटें रिजर्व रखने की नीति को बदलते हुए सभी बोर्ड एवं अन्य राज्यों को एकसाथ मर्ज करते हुए सबको एक ही मेरिट में शामिल करने का फैसला लिया है। यूनिवर्सिटी का तर्क है कि अब यूपी बोर्ड के छात्रों के भी अन्य बोर्ड के समान ही अंक मिलने लगे हैं। ऐसे में उनके लिए अब सीट रिजर्व करने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन हकीकत इसके उलट है। यूपी बोर्ड में इस वर्ष मेरठ-सहारनपुर मंडल का टॉपर 92 फीसदी पर है जबकि सीबीएसई के प्रस्तावित रिजल्ट में टॉपर 97 फीसदी या इससे ऊपर रहेगा। यूपी बोर्ड में 75 से 92 फीसदी अंक पाने वाले छात्र नौ जिलों में मात्र 9717 हैं जबकि इन दोनों मंडलों में सीबीएसई-आईएससी से उत्तीर्ण एवं 80-97 फीसदी पाने वाले छात्रों की संख्या यूपी बोर्ड में 75-92 फीसदी वाले छात्रों से लगभग दुगुनी होगी। यूपी बोर्ड में इस वर्ष 60-74 फीसदी अंकों के साथ प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण छात्रों की संख्या बीते वर्ष के सापेक्ष घटी है। द्वितीय श्रेणी में भी यही स्थिति है।

ऐसे कैसे प्रवेश ले पाएंगे यूपी बोर्ड के छात्र

आंकड़ों के अनुसार यूपी बोर्ड में ससम्मान श्रेणी से पास होने वाले छात्रों की संख्या में इस वर्ष बीते वर्ष के सापेक्ष 37.44 फीसदी की गिरावट हुई है। सम्मान श्रेणी में इस वर्ष 5791 कम छात्र पास हुए हैं। प्रथम श्रेणी में 29.82 फीसदी की गिरावट हुई है। यानी प्रथम श्रेणी में 22 हजार 85 कम छात्र पास हुए हैं। द्वितीय श्रेणी से पास होने वाले छात्रों की संख्या बीते वर्ष के सापेक्ष 15.79 फीसदी यानी 13 हजार 630 बढ़ी है। इसी तरह थर्ड डिविजन पाने वाले छात्रों की संख्या नौ जिलों में 4233 बढ़ी है जो बीते वर्ष से करीब 33.91 फीसदी ज्यादा है। वहीं सीबीएसई-आईएससी में डिविजन में गिरावट के कोई संकेत नहीं हैं। सीबीएसई-आईएससी में 90 फीसदी छात्रों के अंक 75 फीसदी या इससे अधिक होंगे। इस स्थिति में यदि सभी बोर्ड के छात्रों की कॉमन मेरिट बनती है तो यूपी बोर्ड के ससम्मान श्रेणी पाने वाले छात्र भी एडेड-राजकीय कॉलेजों में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र को इस नीति में प्रवेश की संभावना बेहद कम रहेगी।

यूपी बोर्ड में दो वर्षों में श्रेणीवार उत्तीर्ण छात्र

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श्रेणी 2017 2018 अंतर

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ससम्मान 15507 9717 -5781

प्रथम 74077 51992 -22085

द्वितीय 86302 99932 +13630

तृतीय 12480 16713 +4233

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ससम्मान श्रेणी: 75 फीसदी या इससे ऊपर

10 मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन संभव नहीं

यूनिवर्सिटी में सत्र 2018 की प्रवेश प्रक्रिया के लिए दस मई से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू होने की उम्मीद बेहद कम है। इसके पीछे बड़ा कारण आईएससी-सीबीएसई का रिजल्ट नहीं आना और यूपी बोर्ड का डाटा नहीं मिलना है। सीबीएसई-आईएससी के रिजल्ट 20 मई से पहले घोषित होने की उम्मीद है। यूपी बोर्ड का रिजल्ट तो जारी हो चुका है, लेकिन यूनिवर्सिटी को अभी बोर्ड से प्रदेशभर में 12 वीं में शामिल सभी छात्रों का डाटा लेना होगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी इस डाटा को अपने सर्वर पर लेगी जिसके के लिए कम से कम दो दिन चाहिए। फिलहाल ना तो सीबीएसई-आईएससी का रिजल्ट आया है और ना ही यूपी बोर्ड का डाटा यूनिवर्सिटी के पास है जबकि रजिस्ट्रेशन शुरू होने की प्रस्तावित तिथि में मात्र पांच दिन बाकी हैं। सूत्रों के अनुसार किसी भी हालत में यूनिवर्सिटी 10 मई से रजिस्ट्रेशन कराने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तिथि आगे बढ़ानी पड़ेगी।

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