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ललित कला में असीमित मौके, रचनात्मकता चाहिए

मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता सुभारती विवि के ललित कला विभाग में कला में नवीन शैली...

ललित कला में असीमित मौके, रचनात्मकता चाहिए
हिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 24 Oct 2020 03:16 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

सुभारती विवि के ललित कला विभाग में कला में नवीन शैली एवं प्रयोग, कंप्यूटर ग्राफिक्स, डिजीटल आर्ट मार्केट, मूर्तिकला एवं कैलीग्राफी में संभावनाओं पर हुई चर्चा में इस क्षेत्र में आने वाले अवसरों पर चर्चा की।

कुलपति ब्रिगेडियर डॉ.वीपी सिंह ने कहा की जीवन में हर स्तर पर कलाओं का वर्चस्व देखा जा सकता है। ललित कलाओं में असीमित विकल्प हैं। आरजी कॉलेज से डॉ.अर्चना रानी ने कहा कि चित्रकला में पारम्परिक शैलियों ने आज अपनी पहचान बनाई है। वह आधुनिक शैली की जननी बनी और नित नवीन प्रयोगों द्वारा पल्लवित हुई। कला बन्धन मुक्त होनी चाहिए। जिस प्रकार नए-नए आयाम उभर कर सामने आ रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि कला अत्याधुनिक हो गई है। प्राचार्य डॉ. पिन्टू मिश्रा ने कहा कि यह क्रिएटिविटी का क्षेत्र है। इस मौके पर डॉ. पूजा गुप्ता, डॉ. सोनल भारद्वाज, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. सुनील विश्वकर्मा, डॉ. रितु संगल, शशि, प्रज्ञा, विकास त्यागी, डॉ. वन्दना, डॉ. अमिता शुक्ला, डॉ. अन्नता, फराह, डॉ. नाजिमा इरफान, शाहबात, आशीष मिश्रा, विशाल सिंह, ओपी मिश्रा, धर्मेंद्र सिंह, आशीष मिश्रा, सन्नी शर्मा, प्रदीप कुमार मौजूद रहे।

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