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मुजफ्फरनगर रेल हादसा: 12 यात्री लापता, रेलवे से जानकारी जुटा रहे हैं परिजन

खतौली ट्रेन हादसे में अभी 12 लोगों की खोज अभी नहीं हो पाई है। परिजन रेलवे के हेल्पाइलन नंबरों पर लगातार जानकारी ले रहे हैं। इनमें सभी लोग दूरदराज क्षेत्र के हैं। रेलवे पुलिस को उनके थाने पहुंचने का...

मुजफ्फरनगर रेल हादसा: 12 यात्री लापता, रेलवे से जानकारी जुटा रहे हैं परिजन
हिन्दुस्तान टीम,मेरठTue, 22 Aug 2017 06:29 AM
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खतौली ट्रेन हादसे में अभी 12 लोगों की खोज अभी नहीं हो पाई है। परिजन रेलवे के हेल्पाइलन नंबरों पर लगातार जानकारी ले रहे हैं। इनमें सभी लोग दूरदराज क्षेत्र के हैं। रेलवे पुलिस को उनके थाने पहुंचने का इंतजार है।

शनिवार को उत्कल कलिंगा हादसे के बाद से ही रेलवे ने देशभर के लोगों के लिए 20 से ज्यादा हेल्पलाइन नंबर जारी किए थे। इनमें कुछ पुराने नंबर थे और कुछ नए भी शामिल किए गए। हेल्पलाइन नंबरों पर तैनात कर्मचारियों के मुताबिक, रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद देश भर के विभिन्न हिस्सों से फोन कॉल्स आने लगे थे।

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यह सिलसिला रविवार शाम तक कम जरूर हुआ, लेकिन सोमवार दुपहर तक भी काफी लोगों की कॉल आए। हालांकि अधिकतर कॉल पुराने हेल्पलाइन नंबरों पर आए। कर्मचारियों के अनुसार, राजस्थान के मुरारी निवासी अजित नीखरा का शनिवार शाम से अब तक दर्जनभर बार अनिल और सुदेश के बारे में पूछा गया।

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बताया कि दोनों एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे और उत्कल में सवार हुए थे। इसके अलावा एमपी के सतसीना कस्बे में सुलक्षण ने फोन करके रमीश नाम के व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी लेनी चाही। इस पर खतौली से भी पूछने पर कुछ हासिल नहीं हो पाया। कई बार पूछने के बाद पीडि़त ने घटनास्थल पर पहुंचने की बात कही। महाराष्ट्र से कुंडनगेरू नामक व्यक्ति के संबंध में जानकारी नहीं मिलने पर परिजनों ने ट्रेन से पहुंचने की बात कही है। इसके अलावा लगातार पूछे जाने वालों की तादाद 12 बताई गई है। जीआरपी एसओ विनय कुमार ने बताया कि दुर्घटना के मामलों में सहायता करने का निर्देश मिला है। थाने पर आने वालों की यथासंभव सहायता की जाएगी।

रेलवे के जसम्पर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने बताया कि इन मामलों में परिजनों में बात करके जांच के बाद ही कुछ तय किया जाएगा। यह भी हो सकता है कि जिनकी खोजबीन है, उनका फोन बंद हो गया हो और वह सुरक्षित किसी दूसरी ट्रेन में सफर करने के बाद घर पहुंचने में देरी हो रही हो। गुमशुदगी ट्रांसफर करने का नियम जीआरपी रेलवे स्टेशनों पर लॉ एंड ऑर्डर के अनुसार काम करती है।

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इसमें मुसाफिरों के लिए सुविधा दी गई है कि चोरी या फिर किसी भी घटना की जानकारी जिस भी स्टेशन पर पता चलती है वह उसी स्टेशन के थाने पर रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इसे बाद में जहां घटना होने की बात सामने आती है वहीं पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। लापता लोगों पर भी यह बात लागू होगी। वह दिल्ली या फिर दूसरे थाने पर भी गुमशुदगी दर्ज करा सकते हैं। इसमें रेलवे से सभी जीआरपी से ब्योरा भी मांगा है।

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