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गुरुवार को मेरठ में साल का सबसे प्रदूषित दिन

दिवाली से ठीक पहले गैस चैंबर में तब्दील हो चुके मेरठ में गुरुवार का दिन सबसे खराब रहा। गुरुवार इस वर्ष का सबसे प्रदूषित दिन रहा। प्रदूषण ने सभी...

गुरुवार को मेरठ में साल का सबसे प्रदूषित दिन
हिन्दुस्तान टीम,मेरठFri, 06 Nov 2020 03:14 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

दिवाली से ठीक पहले गैस चैंबर में तब्दील हो चुके मेरठ में गुरुवार का दिन सबसे खराब रहा। गुरुवार इस वर्ष का सबसे प्रदूषित दिन रहा। प्रदूषण ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए प्रदूषकों के अधिकतम स्तर को छू लिया। सुबह से लेकर रात तक मेरठ की हवा में सिर्फ जहर बहता रहा। पीएम-10 एवं पीएम-2.5 जैसे खतरनाक प्रदूषक मानकों से सात से आठ गुना अधिक के स्तर पर पहुंच गए।

रिकॉर्ड प्रदूषण से मेरठ की हवा अत्यधिक खराब श्रेणी में पहुंच गई। अभी तक यह खराब से बेहद खराब श्रेणी बनी हुई थी। वर्ष 2020 में गुरुवार को पहली बार 24 घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के पार रिकॉर्ड हुआ जबकि दो प्रमुख केंद्र गंगानगर एवं पल्लवपुरम में अधिकांश समय रियल टाइम में एक्यूआई 500 बना रहा। प्रदूषण मापने का इससे अधिक पैमाना भी नहीं है।

अक्तूबर 2019 के बाद चार सर्वाधिक प्रदूषित दिनों में दूसरा

मेरठ। वर्ष 2020 में गुरुवार जहां सबसे प्रदूषित दिन रहा। वहीं, 27 अक्तूबर 2019 के बाद मेरठ में यह पांचवीं बार है, जब प्रदूषण का स्तर 400 के ऊपर पहुंचा हो। बीते वर्ष 27 अक्तूबर को मेरठ में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी केंद्र शुरू हो गए थे। इसी दौरान दिवाली भी थी। दिवाली के ठीक बाद 31 अक्तूबर 2019 को मेरठ का एक्यूआई 459 दर्ज हुआ था। 30 अक्तूबर को यह 430 के स्तर पर था। एक नवंबर 2019 को 410 एवं तीन नवंबर 2019 को 445 एक्यूआई रहा। इसके बाद से वर्ष 2020 में नवंबर का गुरुवार रहा, जब एक्यूआई 453 पहुंचा है। ऐसे में 31 अक्तूबर 2019 के बाद 05 नवंबर 2020 मेरठ का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित दिन रिकॉर्ड हुआ। अकेले गुरुवार को मेरठ देश के सर्वाधिक प्रदूषित 35 शहरों में पांचवें नंबर पर था। प्रदेश में मेरठ की स्थिति छठी थी। एक्यूआई 489 के साथ मुरादाबाद देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा।

सांस लेने को हवा में धूल-धुएं के अलावा कुछ नहीं

मेरठ। मेरठ में अत्यधिक खराब स्तर पर पहुंची हवा की गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सांस लेते वक्त हवा में धूल और धुएं के अलावा कुछ भी नहीं है। बेहद खतरनाक पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर 500-500 तक बना हुआ है। यह प्रदूषकों का अधिकतम स्तर है और मेरठ की हवा दिनभर इसी स्तर पर चल रही है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार ऐसी हवा में लंबे समय तक रहने से स्वस्थ्य व्यक्ति को भी परेशानी हो सकती है।

रात में पल्लवपुरम 490, दिनभर 500 रहा

मेरठ। रात नौ बजे पल्लवपुरम केंद्र का एक्यूआई 490 दर्ज हुआ जबकि दिन में दो बजे तक यह 500 तक बना रहा। गंगानगर में भी एक्यूआई 500 तक पहुंचा और रात में यह 426 तक रहा। जयभीमनगर केंद्र दिनभर बंद रहा। पल्लवपुरम केंद्र भी दो बजे के बाद बंद हो गया और रात में चला।

आसपास भी राहत नहीं

शहर एक्यूआई

बागपत 464

बुलंदशहर 469

दिल्ली 450

गाजियाबाद 464

ग्रेटर नोएडा 457

हापुड़ 442

मुजफ्फरनगर 479

नोएडा 450

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