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शहर पर तनी धुंध की चादर, सांस लेना मुश्किल, आंखों में जलन

दिन-रात के तापमान में निरंतर गिरावट और हवा की शून्य रफ्तार के बीच बढ़ रहे प्रदूषण से बुधवार को स्थितियां खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। मेरठ में सुबह से...

शहर पर तनी धुंध की चादर, सांस लेना मुश्किल, आंखों में जलन
हिन्दुस्तान टीम,मेरठThu, 05 Nov 2020 03:08 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

दिन-रात के तापमान में निरंतर गिरावट और हवा की शून्य रफ्तार के बीच बढ़ रहे प्रदूषण से बुधवार को स्थितियां खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। मेरठ में सुबह से दिनभर धुंध की चादर तनी रही। रात होते-होते प्रदूषण और गहरा गया। आसमान में धुंध की चादर ने दिन में ढंग से धूप नहीं निकलने दी और रात को तारे। चांद भी निर्धारित समय से घंटों की देरी के बाद आसमान में दिखा। धुंध के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्या होने लगी।

गिरते तापमान ने बढ़ाया प्रदूषण, राहत की उम्मीद नहीं

मेरठ। शहर में प्रदूषण और धुंध के लिए मौसम ज्यादा जिम्मेदार है। बारिश नहीं हो रही और हवा की गति शून्य है। ऐसे में प्रदूषक एक ही जगह ठहरे हुए हैं। तापमान में गिरावट होने से प्रदूषक सांद्र होकर वायुमंडल के निचले स्तर पर जमा हो गए हैं। इससे धुंध की चादर बन गई है। तापमान नहीं बढ़ने, बारिश नहीं होने अथवा तेज हवा नहीं चलने तक प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिलने वाली। अभी एक हफ्ते यही हालात रहने वाले हैं।

एक हफ्ते में और बिगड़ेंगे हालात, शीतलहर देगी दस्तक

मेरठ। आने वाले एक हफ्ते में तापमान में और गिरावट के आसार हैं। पहाड़ों से आ रही शुष्क एवं बर्फीली हवाओं से दिन-रात के तापमान में बड़ी गिरावट होने जा रही है। बुधवार को मेरठ में दिन का पारा 27.6 और रात का 11.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बुधवार इस सीजन का दूसरी बार सबसे ठंडा दिन रिकॉर्ड हुआ। दिन-रात का तापमान सामान्य से तीन-तीन डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। आने वाले दिनों में तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे जा सकता है। इन स्थितियों में शीतलहर जैसे हालात बन सकते हैं। शीतलहर जैसी स्थिति नवंबर के आखिरी दिनों में बनती हैं, लेकिन इस बार शुरुआत में ही इसकी परिस्थितियां बन रही हैं।

पल्लवपुरम का बुरा हाल, एक्यूआई 500 तक पहुंचा

मेरठ। बुधवार को पल्लवपुरम क्षेत्र सर्वाधिक प्रदूषित रहा। रात नौ बजे इस केंद्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 435 दर्ज हुआ जो अत्यधिक खराब श्रेणी में है। यहां दिन में पीएम-10 एवं पीएम-2.5 का स्तर 500-500 तक पहुंच गया। जयभीम नगर में रात नौ बजे एक्यूआई 407 और गंगानगर में 368 दर्ज हुआ। जयभीमनगर में पीएम-2.5 एवं पीएम-10 का स्तर क्रमश: 494 एवं 444 के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। तीनों ही केंद्रों पर पीएम-10 और पीएम-2.5 के स्तर मानकों से छह से दस गुना अधिक तक बने हुए हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में ही शहर की सबसे खराब हवा

मेरठ। माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में हवा सबसे शुद्ध होती है। इसी वजह से सुबह के वक्त घूमना अच्छा माना जाता है, लेकिन मेरठ में ब्रह्म मुहूर्त में हवा खराब है। रात दो बजे से सुबह दस बजे तक मेरठ में प्रदूषण का स्तर सबसे खराब श्रेणी में है। चार से छह बजे के बीच एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया जा रहा है। चूंकि सुबह के वक्त तापमान कम होता है, ऐसे में प्रदूषक निचले स्तर पर एकत्र हो रहे हैं। फिलहाल स्थितियां सामान्य होने तक सुबह के वक्त घूमना सेहत के लिए सही नहीं है।

देश में आठवां सबसे प्रदूषित शहर मेरठ

मेरठ। बुधवार को मेरठ मे एक्यूआई 374 दर्ज हुआ। मंगलवार के सापेक्ष प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई। मंगलवार को यह 309 के स्तर पर था जो बुधवार को 374 पर पहुंच गया। अगले एक-दो दिन में यह 400 से ऊपर पहुंच सकता है। यह स्थिति बेहद गंभीर श्रेणी में होगी। बुधवार को मेरठ सर्वाधिक प्रदूषिक शहरों में आठवें और प्रदेश में छठे नंबर पर रहा।

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