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संस्कृति को बचाने के लिए आध्यात्मिक चिंतन जरूरी

विश्व गीता संस्थान द्वारा शरद पूर्णिमा के अवसर पर विजय लोक कॉलोनी में ज्योतिर्मय विभूति संगम कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री आचार्य...

संस्कृति को बचाने के लिए आध्यात्मिक चिंतन जरूरी
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,मेरठSun, 01 Nov 2020 03:15 AM
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गंगानगर। संवाददाता

विश्व गीता संस्थान द्वारा शरद पूर्णिमा के अवसर पर विजय लोक कॉलोनी में ज्योतिर्मय विभूति संगम कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि जो व्यक्ति आध्यात्मिक नहीं है वह समाज की सेवा नहीं कर सकता।

मुख्य अतिथि आरएसएस के केन्द्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनोड़ी और विधायक सोमेन्द्र तोमर शामिल हुए। मुख्य अतिथि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कवयित्री तुषा शर्मा ने वंदे मातरम् गीत की सुंदर प्रस्तुति दी। राधाकृष्ण मनोड़ी ने कहा कि देश की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग से चिंतकों की खोज की जानी बेहद आवश्यक है क्योंकि सामाजिक चिंतन करने वाले लोग समाज को कुछ न कुछ देते जरूर हैं। जो व्यक्ति आध्यात्मिक नहीं है वह समाज सेवा नहीं कर सकता। कहा कि कुछ समय बाद लोगों को जागरूक करने के लिए मेरठ में धार्मिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित होंगे। इस मौके पर आयोजनकर्ता विजय भोला, संघ संचालक विनोद भारती, समाजसेवी विजेन्द्र अग्रवाल, ब्रजपाल शर्मा, डॉ. जितेन्द्र त्यागी, राकेश गुप्ता, सुमनेश सुमन, विवेक शर्मा, चक्रधर मनोड़ी आदि रहे।

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