भगवान की शनि की हुई महाआरती, हुआ गुणगान
भगवान शनि की अमावस्या के उपलक्ष्य में शनिवार को हनुमान मंदिर और शनि मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। सुबह भगवान का भव्य शृंगार कर आरती की गई। इसके बाद भोग लगाकर कई जगह प्रसाद वितरण भी हुआ। वेस्ट एंड...
भगवान शनि की अमावस्या के उपलक्ष्य में शनिवार को हनुमान मंदिर और शनि मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। सुबह भगवान का भव्य शृंगार कर आरती की गई। इसके बाद भोग लगाकर कई जगह प्रसाद वितरण भी हुआ।
वेस्ट एंड रोड स्थित बाला जी हनुमान एवं शनि मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने भगवान शनि का भक्तिभाव से गुणगान किया। शनि चालीसा का पाठ करने के साथ ही भक्तिगीतों से आराधना की गई। भगवान शनि की शिला पर तेल अर्पण कर मंगलाकामनाएं की गईं। पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंत महेंद्र दास ने भगवान शनि की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि भगवान शनि शत्रु नहीं बल्कि मित्र हैं।
उन्होंने कहा कि शनि न्यायप्रिय हैं। भगवान शिव ने उन्हें न्यायाधीश एवं दंडाधिकारी नियुक्त किया है। महंत महेंद्र दास ने बताया कि जिस तरह के कर्म हम करते हैं, शनि उसी के अनुसार हमारा आकलन कर फल देते हैं। वह किसी भी तरह के छल, कपट, प्रपंच आदि रचने वाले को पुण्य नहीं बल्कि पाप का भागी मानते हैं। शाम को मंदिर में बाबा की महाआरती हुई। इसमें दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने बाबा का गुणगान कर मंगलकामना की। इसके अलावा शनि मंदिर माधवपुरम, शास्त्रीनगर सेक्टर-3 स्थित शिव-पार्वतनी शनि सांई मंदिर समेत शहरभर के मंदिरों में बाबा का भव्य शृंगार कर भोग लगाया और प्रसाद वितरण किया।
बाबा को लगाया पकोड़ी का भोग
सदर जागेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में शनि अमावस्या पर मंदिर में शनि महाराज की विशेष पूजा का आयोजन किया गया और विशाल भंडारे का आयोजन किया। शनि के गीतों पर भक्त झूम उठे। महाआरती के बाद भगवान शनि महाराज का पकौड़ी का भोग लगाकर प्रसाद वितरण किया गया। प्रसाद वितरण में एसएस गुप अध्यक्ष राजेश, अजय चन्द्रौला, पुजारी महेन्द्र शर्मा, रिकू, गुनू, रूद्राक्ष गौड़ आदि रहे।