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सेंट जोन्स चर्च के स्थापना दिवस पर गूंजे मसीही गीत

कैंट स्थित सेंट जोन्स चर्च का रविवार को 200वां स्थापना दिवस श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से मनाया गया। देश ही नहीं विदेश भी कई श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए शिरकत की। आगरा से आए...

सेंट जोन्स चर्च के स्थापना दिवस पर गूंजे मसीही गीत
हिन्दुस्तान टीम,मेरठMon, 16 Dec 2019 02:20 AM
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कैंट स्थित सेंट जोंस चर्च का रविवार को 200वां स्थापना दिवस श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से मनाया गया। देश ही नहीं विदेश भी कई श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए शिरकत की। आगरा से आए धर्मगुरु बिशप ने बाइबिल से यीशु के संदेश दिए। उन्होंने कहा कि यह गर्व का क्षण है कि चर्च को स्थापित हुए 200 वर्ष हो गए। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हमारे भीतर भी एक गिरिजा निवास करता है।

मेरठ कैंट स्थित सेंट जोंस चर्च के 200 वर्ष पूर्ण होने पर भव्य समापन समारोह का आयोजन रविवार को आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश से अनेकों ईसाई परिवारों ने शिरकत की। मुख्य अतिथि आगरा डाइसिस के बिशप डॉ. पीपी हाबिल ने रविवार के प्रार्थना सभा की अध्यक्षता की। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि 200 वर्ष का समय किसी भी देश के इतिहास में ना जाने कितने बदलाव लाता है।

बिशप बोले, हमारे लिए ये गौरव की बात है कि हम इस ऐतिहासिक क्षण को जी पा रहे हैं।  ये अच्छी बात है की हम आज इस चर्च के 200 वर्ष मना रहे हैं परन्तु हम सब को याद रखना चाहिए की हम सब के हृदयों में भी एक गिरजा वास करता है जो उस शान्ति का प्रतीक है जो प्रभु यीशु मसीह से मिलती है और हमे अपने जीवन को एक ऐसे उद्धारण के रूप में चलाना चाहिए जिससे वो शान्ति का प्रतिबिम्ब हो। मसीही गीतों से चर्च गूंज उठा।

समारोह में एक चर्चरूपी केक भी आकर्षण का केंद्र रहा और साथ ही साथ बिशप हाबिल द्वारा एक सीडी का भी अनावरण किया गया जिसमे चर्च की मंडली द्वारा रचित छह मसीही गाने हैं। इस अवसर पर ‘करिगमा नामक एक पुस्तक का भी विमोचन हुआ जिसमे सालभर के कार्यक्रमों का लेखा जोखा, चर्च का इतिहास इत्यादि अंकित हैं।  सेंट जोंस चर्च की स्थापना सन् 1819 में अंग्रेज़ों द्वारा रखी गयी थी और चर्च में लगी एक पट्टिका के अनुसार ये चर्च उत्तर भारत का अंग्रेजों द्वारा बनाया गया पहला चर्च है। उल्लेखनीय है कि पूरे वर्ष चलने वाले इस समारोह का शुभारम्भ ठीक एक वर्ष पूर्व किया गया था और पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए जिसमे मुख्य थे वृक्षारोपण, चित्रकारी प्रतियोगिता, फैंसी ड्रैस प्रतियोगिता, इत्यादि।

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मेरठ में पहली महिला पादरी हैं रिन्वी नोएल

मेरठ। रविवार को हुए इस समारोह में बिशप हाबिल के अलावा इस चर्च की वर्तमान धर्मसेवक और 200 वर्ष के इतिहास मे पहली महिला पादरी रिन्वी नोएल भी मौजूद रहीं। डीन फादर पारितोष नोएल ने बताया कि रिन्वी ने केरल और पुणे से उच्च शिक्षा हासिल की है।

आगरा डायसिस के अंतर्गत वह अभी तक की तीसरी महिला पादरी हैं। केरला की मूल निवासी रिन्वी सेंट जोन्स चर्च की पहली महिला पादरी हैं। मेरठ में वह पिछले पांच वर्ष से हैं। इस दौरान डीन पादरी पारितोश नोएल, पादरी दयाल, पादरी रौडरिक विक्टर और पादरी जोन भी शामिल हुए। आगरा डाईसिस के दो अफ़्सर डा. अविनाश चन्द और आशीश हाबिल भी इस भव्य समारोह मे उपस्थित रहे।

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